Edited By Parminder Kaur,Updated: 14 Jan, 2025 11:37 AM
महाराष्ट्र के नागपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां पुलिस ने 45 वर्षीय मनोवैज्ञानिक को 50 से अधिक छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी पिछले 15 सालों से इस घिनौने अपराध को अंजाम दे रहा था। सोमवार को मामले का खुलासा...
नेशनल डेस्क. महाराष्ट्र के नागपुर से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां पुलिस ने 45 वर्षीय मनोवैज्ञानिक को 50 से अधिक छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी पिछले 15 सालों से इस घिनौने अपराध को अंजाम दे रहा था। सोमवार को मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को हिरासत में ले लिया।
कैसे फंसाता था आरोपी?
नागपुर पूर्व में आरोपी का क्लीनिक है। पुलिस के अनुसार, आरोपी मनोवैज्ञानिक छात्रों, खासकर छात्राओं को पर्सनल और प्रोफेशनल ग्रोथ का लालच देता था। वह छात्राओं का विश्वास जीतकर उन्हें अपने जाल में फंसाता और उनका यौन उत्पीड़न करता।
आपत्तिजनक तस्वीरों से करता था ब्लैकमेल
पुलिस जांच में पता चला है कि आरोपी डॉक्टर ट्रिप और कैंप्स का आयोजन करता था। इन्हीं आयोजनों के दौरान वह छात्राओं का यौन शोषण करता। इतना ही नहीं, वह पीड़ित छात्राओं की आपत्तिजनक तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल करता था।
कैसे सामने आया मामला
यह मामला तब खुला, जब डॉक्टर ने अपनी एक पुरानी छात्रा को ब्लैकमेल करने की कोशिश की। पीड़िता ने हिम्मत दिखाकर पुलिस के सामने पूरी सच्चाई बताई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पीड़िताओं की मदद के लिए स्पेशल कमेटी
पुलिस का कहना है कि कई पीड़ित छात्राओं की अब शादी हो चुकी है और वह समाज में बदनामी के डर से सामने आने से डर रही हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने पीड़ितों की सहायता के लिए एक विशेष कमेटी बनाई है।
आरोपी पर लगे कौन-कौन से कानून
आरोपी के खिलाफ पुलिस ने POCSO (Protection of Children from Sexual Offences) एक्ट और SC/ST एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। चूंकि पीड़ितों में कई नाबालिग छात्राएं शामिल थीं। इसलिए पॉक्सो एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस की अपील
पुलिस ने पीड़िताओं और उनके परिवारों से अपील की है कि वह इस मामले में सामने आकर न्याय पाने में मदद करें। पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि पीड़ितों को पूरी सुरक्षा और मदद दी जाएगी।
समाज के लिए सबक
यह घटना समाज के लिए एक बड़ी चेतावनी है। माता-पिता और स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाना न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाने में मदद करता है, बल्कि अपराधियों के लिए भी एक संदेश है कि कानून से बचना असंभव है।