Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 14 Jan, 2025 07:08 PM
नागपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मनोवैज्ञानिक ने 15 साल से अधिक समय तक कम से कम 50 छात्रों का यौन शोषण किया। आरोपी मनोवैज्ञानिक पूर्वी नागपुर में एक क्लिनिक और आवासीय कार्यक्रम चलाता था।
नेशनल डेस्क : नागपुर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक मनोवैज्ञानिक ने 15 साल से अधिक समय तक कम से कम 50 छात्रों का यौन शोषण किया। आरोपी मनोवैज्ञानिक पूर्वी नागपुर में एक क्लिनिक और आवासीय कार्यक्रम चलाता था। पुलिस ने उसके खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी मनोवैज्ञानिक छात्रों, खासकर लड़कियों को व्यक्तिगत और पेशेवर विकास का झांसा देकर फंसाता था। वह शिविरों का आयोजन करता था जहाँ वह उनका यौन शोषण करता था, अश्लील तस्वीरें लेता था और बाद में उन्हें ब्लैकमेल करने के लिए इसका इस्तेमाल करता था।
कैसे हुआ खुलासा?
यह मामला तब सामने आया जब एक पूर्व छात्रा ने मनोवैज्ञानिक द्वारा ब्लैकमेल किए जाने के बाद पुलिस से संपर्क किया। उसने पुलिस को बताया कि कैसे मनोवैज्ञानिक ने उसका शोषण किया और उसे धमकाया। पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए मनोवैज्ञानिक को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने पीड़ितों की सहायता करने तथा गहन जांच सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष समिति गठित की है। पुलिस का मानना है कि कई पीड़ित विवाहित हैं और शिकायत दर्ज करने में संकोच कर सकती हैं।
आरोपी की पत्नी भी शामिल
आरोपी मनोवैज्ञानिक की पत्नी भी इस मामले में शामिल है। आरोप है कि उसने भी अपने पति के इस घिनौने कृत्य में मदद की। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। आरोपी मनोवैज्ञानिक माता-पिता को अपने बच्चों को संवारने और व्यक्तित्व विकास के लिए अपने संस्थान में दाखिला लेने के लिए राजी करता था। वह माता-पिता को खुद को छात्रों का 'स्थानीय अभिभावक' बनने के लिए मनाता था और उनके स्कूलों और कॉलेजों में उनका प्रतिनिधित्व करता था।
क्यों है ये मामला गंभीर?
यह मामला न केवल एक व्यक्ति के साथ हुए अत्याचार का है, बल्कि यह समाज में व्याप्त यौन शोषण और विश्वासघात के खिलाफ एक लड़ाई का प्रतीक है। इस मामले ने एक बार फिर देश में महिलाओं की सुरक्षा और शिक्षण संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।