Edited By Parminder Kaur,Updated: 05 Dec, 2024 03:07 PM
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मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पहले दिन से ही शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है। बच्चे देश का भविष्य हैं और बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर ही देश के भविष्य को सवारा जा सकता है। इसी सोच के साथ 'आप' सरकार द्वारा सरकारी...
नेशनल डेस्क. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पहले दिन से ही शिक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता दे रही है। बच्चे देश का भविष्य हैं और बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर ही देश के भविष्य को सवारा जा सकता है। इसी सोच के साथ 'आप' सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों की सूरत बदलकर छात्रों को पढ़ाई के लिए अच्छा माहौल देने का प्रयास किया जा रहा है। पंजाब सरकार की शिक्षा क्रांति दूसरे राज्यों के लिए भी मिसाल कायम कर रही है।
प्रदेश में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा लाई गई शिक्षा क्रांति की झलक विभाग के आंकड़ों से भी साफ दिखती है। आंकड़ों के मुताबिक, 16 मार्च 2022 के बाद राज्य के 8 हजार स्कूलों की बाड़बंदी कर दी गई है। इसका मतलब है कि हर दिन औसतन 8 स्कूलों की घेराबंदी की गई। इस दौरान कुल 1400 किलोमीटर लंबी दीवारें बनाई गईं, जो औसतन हर रोज 1.4 किलोमीटर दीवार का निर्माण है। इसके अलावा राज्य के सरकारी स्कूलों में हर दिन औसतन 10 नए क्लासरूम बनाए जा रहे हैं। ढाई साल में करीब 10 हजार नए क्लासरूम बनाए गए हैं।
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शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने पंजाब की शिक्षा क्रांति को गेम चेंजर करार दिया है। उन्होंने कहा है कि स्कूलों का प्रतिदिन कायाकल्प करने का प्रयास किया जा रहा है। यह 'आप' सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का शिक्षा मॉडल है, जिसे मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब में भी लागू किया गया है। शिक्षा मंत्री ने उक्त आंकड़े साझा करते हुए कहा कि यही बदलाव की ताकत है।
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