Edited By Parminder Kaur,Updated: 23 Sep, 2024 04:38 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने शहीदों के परिवारों के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। शहीदों की अद्वितीय कुर्बानी को मानते हुए सरकार ने उनके परिवारों के लिए वित्तीय सहायता, मुफ्त शिक्षा और नौकरी की व्यवस्था की है। इसके अलावा शहीदों के परिवारों...
नेशनल डेस्क. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने शहीदों के परिवारों के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। शहीदों की अद्वितीय कुर्बानी को मानते हुए सरकार ने उनके परिवारों के लिए वित्तीय सहायता, मुफ्त शिक्षा और नौकरी की व्यवस्था की है। इसके अलावा शहीदों के परिवारों को आर्थिक सहायता भी दी जा रही है, जो सरकार की समर्पण और सेवा भावना को दर्शाती है।
इस बीच गांव धूरी (संगरूर) के निवासी शहीद हरसिमरन सिंह के पिता निर्मल सिंह और भाई दविंदर सिंह ने बताया कि हरसिमरन उनका छोटा भाई था, जो शहीद हो गया। पिता निर्मल सिंह ने कहा कि उनका बेटा छुट्टी पर घर आया था और रोजाना उनके साथ बात करता था। एक दिन उनकी तबीयत खराब हुई और जब बेटे से बात हुई तो उसने कहा कि वह छुट्टी लेकर घर आ जाएगा। लेकिन उन्होंने उसे मना कर दिया कि वह ठीक हैं।
उन्होंने आगे कहा- इसके बाद शाम तक बेटे का कोई फोन नहीं आया। अगले दिन फोन आया कि हरसिमरन को ड्यूटी के दौरान सिर में गोली लगी है और वह शहीद हो गए हैं। हरसिमरन का जन्मदिन 24 अक्टूबर 2023 को था और वह 25 तारीख की रात को शहीद हो गया। 26 तारीख सुबह उन्हें इस बारे में सूचना मिली और 28 अक्टूबर 2023 को बेटे का मृत शरीर गांव पहुंचा। हरसिमरन सिंह परिवार में तीसरी पीढ़ी के सदस्य थे, जो देश की रक्षा कर रहे थे।
शहीद हरसिमरन सिंह के पिता ने बताया कि इस घटना के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान उनके घर आए और दुख प्रकट किया। इस दौरान पंजाब सरकार ने शहीद हरसिमरन सिंह की माता और उन्हें आर्थिक सहायता के लिए 1 करोड़ रुपये का चेक दिया। वे पंजाब सरकार के प्रति बहुत आभारी हैं।