Edited By Rahul Rana,Updated: 11 Dec, 2024 11:04 AM
पंजाब सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपनी नई आबकारी नीति के ड्राफ्ट की तैयारी शुरू कर दी है। इस बार शराब की कीमतों में 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की जा सकती है जिसमें विदेशी और देसी शराब दोनों शामिल हैं। इसके साथ ही बार लाइसेंस की फीस भी बढ़...
नेशनल डेस्क। पंजाब सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अपनी नई आबकारी नीति के ड्राफ्ट की तैयारी शुरू कर दी है। इस बार शराब की कीमतों में 5 से 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की जा सकती है जिसमें विदेशी और देसी शराब दोनों शामिल हैं। इसके साथ ही बार लाइसेंस की फीस भी बढ़ सकती है।
10,350 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य
इस वित्तीय वर्ष के लिए पंजाब सरकार ने 10,350 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा था। अभी तक 80 प्रतिशत लक्ष्य पूरा किया जा चुका है। सरकार अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए नए वित्तीय वर्ष में आबकारी नीति के माध्यम से और ज्यादा राजस्व जुटाने का प्रयास करेगी।
शराब की कीमतों में वृद्धि
पंजाब सरकार ने अब तक शराब की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं की है। यहां तक कि पिछले साल विदेशी शराब की कीमतों में कमी भी की गई थी। हालांकि सूत्रों के मुताबिक वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए राज्य सरकार ने शराब की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार किया है। यह बढ़ोतरी 5 से 10 प्रतिशत तक हो सकती है जिससे सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिल सकेगा।
शराब कारोबारियों से सुझाव
नई आबकारी नीति तैयार करने के लिए राज्य सरकार ने शराब कारोबारियों से भी सुझाव मांगे हैं। पंजाब के अतिरिक्त मुख्य सचिव और वित्तायुक्त विकास प्रताप ने शराब कारोबारियों से इस बारे में अपनी राय मांगी है। शराब कारोबारियों के सुझावों पर चर्चा 24 दिसंबर को होने वाली है जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
मौजूदा आबकारी नीति
पंजाब की मौजूदा आबकारी नीति 11 जून 2025 तक लागू रहेगी। इसके बाद नई नीति लागू की जाएगी जिसमें शराब की कीमतों और बार लाइसेंस फीस में बदलाव किया जा सकता है।
वित्तीय स्थिति को सुधारने का प्रयास
पंजाब सरकार अपनी वित्तीय स्थिति को बेहतर करने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है। शराब की कीमतों में वृद्धि और नए उपायों के जरिए सरकार का लक्ष्य है कि वह अधिक राजस्व जुटा सके जो राज्य के विकास कार्यों और अन्य योजनाओं के लिए उपयोगी हो सके।
इस तरह पंजाब सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष में आबकारी नीति के जरिए अपनी आय बढ़ाने के प्रयासों की शुरुआत कर दी है और इस पर शराब कारोबारियों और अन्य हितधारकों से सुझाव भी लिए जा रहे हैं।