Edited By Harman Kaur,Updated: 01 Jul, 2024 12:47 PM
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फॉरेस्ट डिवीजन में फॉरेस्ट कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा, जो सीसीटीवी कैमरों के जरिए वन एरिया में अवैध माइनिंग और पेड़ काटने की माफियाओं की गतिविधियों समेत आग लगने की घटनाओं पर नजर रखेगा। पहले फेज में 30 स्थानों का चयन किया गया है, जहां सीसीटीवी...
नेशनल डेस्क: फॉरेस्ट डिवीजन में फॉरेस्ट कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा, जो सीसीटीवी कैमरों के जरिए वन एरिया में अवैध माइनिंग और पेड़ काटने की माफियाओं की गतिविधियों समेत आग लगने की घटनाओं पर नजर रखेगा। पहले फेज में 30 स्थानों का चयन किया गया है, जहां सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। कैमरों का कंट्रोल हेड ऑफिस में रहेगा और सीनियर अफसरों से लेकर छोटे कर्मचारी तक ऑनलाइन नेटवर्क से जुड़ेंगे। फॉरेस्ट एरिया में अवैध माइनिंग या पेड़ काटने की गतिविधि नजर आएगी तो पूरी टीम तुरंत एक्टिव हो जाएगी।
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प्रदेश के 16 टेरिटोरियल फॉरेस्ट डिवीजन में कंट्रोल रूम स्थापित नहीं हो पाए
इस पहल के पीछे मूल कारण यह है कि वन विभाग के पास स्टाफ का टोटा है और हर स्पॉट पर मुलाजिम तैनात करना मुश्किल है। आए दिन अक्सर जंगल में अवैध माइनिंग, पेट काटने और आग लगने की घटनाएं सामने आ रहा हैं, जिससे वन संपत्ति को नुकसान पहुंचता है। कई मामलों में वन विभाग एफआईआर भी दर्ज कराता है, लेकिन आरोपी पकड़ में नहीं आते हैं। वन विभाग ने संवेदनशील जगहों टूरिस्ट डेस्टीनेशन मिनी गोवा चमरोड़, नेचर अवेयरनेस पार्क पठानकोट, चवकी दरिया क्षेत्र, नरोट जैमल सिंह में रावी दरिया के आसपास, मीरथल बेल्ट, फॉरेस्ट गेस्ट हाउस की पहचान की है, जहां पहले फेज में सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। अगर कभी भी कोई अप्रिय घटना हुई तो सीनियर अफसरों और कर्मियों को लोकेशन मिल जाएगी।
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चमरोड़ में नेचर अवेयरनेस कैंप के पास पहले से 7 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इन कैमरों का कंट्रोल रूम पठानकोट डीएफओ ऑफिस में एक स्पेशल रूम में स्थापित किया गया है। इसके अलावा अफसरों और कर्मचारियों के मोबाइल नेटवर्क पर एक-एक हरकत को देखा जा सकेगा। वहीं, दूसरे फेज में कैमरों को और स्पॉट पर बढ़ाया जाएगा। वन विभाग ने पहले फेज के लिए 10 लाख रुपए खर्च करने का प्रपोजल भेजा है। पंजाब में फॉरेस्ट के 16 टेरिटोरियल डिवीजन हैं, जहां अभी कंट्रोल रूम स्थापित नहीं हो पाया है।
DFO धर्मवीर दायरू ने बताया कि कंट्रोल रूम से अवैध माइनिंग और पेड़ों की अवैध कटाई आदि गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी, क्योंकि विभाग का स्टाफ सीमित है। पठानकोट में 22% (22,096 एकड़) क्षेत्र में वन कंवर है, जो एरिया वाइज राज्य में सबसे अधिक है। रात में माइनिंग और पेड़ काटने की शिकायतें मिल रही हैं। कथलौर वाइल्ड लाइफ सॅक्चुरी आग की भेंट चढ़ गई और अधिकारी किसी की जिम्मेदारी तय नहीं कर पाए।