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5.3 करोड़ से खरीदेगी सीमन की 2 लाख खुराकें

Edited By Archna Sethi,Updated: 15 Mar, 2025 08:10 PM

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5.3 करोड़ से खरीदेगी सेक्स्ड सीमन की 2 लाख खुराकें

 
चंडीगढ़, 15 मार्च:(अर्चना सेठी) 
पंजाब के पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि दुग्ध उत्पादन बढ़ाने और पशुओं की नस्ल सुधारकर राज्य के पशुपालकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से पंजाब सरकार 5.3 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 2 लाख सेक्स्ड सीमन खुराकें खरीदेगी।

कैबिनेट मंत्री यहां किसान भवन में "पंजाब के पशुपालकों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को और बेहतर बनाने में पशुपालन विभाग की भूमिका" विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे।
गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि इस महीने 50,000 सेक्स्ड सीमन खुराकें खरीदी जाएंगी और जून 2025 तक 1.50 लाख और खुराकों की खरीद होगी। उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने गायों और भैंसों के लिए 1.75 लाख सेक्स्ड सीमन खुराकों की आपूर्ति की है, जिनमें से अब तक 1.58 लाख खुराकों का उपयोग हो चुका है।

इस सरकारी पहल के महत्व को उजागर करते हुए पशुपालन मंत्री ने कहा कि निजी प्रैक्टिशनर सेक्स्ड सीमन को ऊंची कीमतों पर बेचते हैं, जबकि सरकारी संस्थानों में यह मात्र 250 रुपये प्रति खुराक उपलब्ध है। सेक्स्ड सीमन के उपयोग से 90 प्रतिशत से अधिक बछड़ियां और कट्टियां पैदा होने की संभावना है, जिससे पशुपालकों का बछड़ों और कट्टों के पालन-पोषण पर होने वाला खर्च बचेगा। इसके अलावा, उच्च आनुवंशिक क्षमता वाले सीमन से राज्य में मौजूदा जर्म-प्लाज्म को और बेहतर बनाने में भी योगदान मिलेगा।

पशुपालन विभाग के प्रमुख सचिव राहुल भंडारी ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि इस सीमन के उपयोग से उच्च आनुवंशिक क्षमता वाली गायों और भैंसों की बछड़ियां और कट्टियां पैदा हो रही हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक सेक्स्ड सीमन के उपयोग से आवारा पशुओं की समस्या के समाधान में भी मदद मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा, सेमिनार में पशु कल्याण, मैग्नेट फीडिंग और राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) के तहत विभिन्न परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई।

पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. जी.एस. बेदी ने सेक्स्ड सीमन के परिणाम साझा करते हुए बताया कि  मुक्तसर साहिब जिले के गांव सीरवाली के किसान जगसीर सिंह के घर कुल आठ बछड़ियां पैदा हुई हैं। इसी तरह, लुबाणियांवाली के निवासी बघेल सिंह के घर भी आठ बछड़ियां जन्मी हैं। इन बछड़ियों का वजन अन्य बछड़ियों की तुलना में अधिक है और ये उच्च गुणवत्ता वाली नस्लों से संबंधित हैं। इसी तरह, फाजिल्का जिले के सरदारपुरा गांव के संत कुमार की मात्र 63 दिन की बछड़ी का वजन 80 किलोग्राम है।

 

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