कनाडा के चुनावों में पंजाबी वोट बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका, ब्रैम्पटन में दिखेगा असर

Edited By Parminder Kaur,Updated: 25 Mar, 2025 03:57 PM

punjabi vote bank plays an important role in canadian elections

कनाडा की राजनीति में पंजाबी समुदाय की भूमिका दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। 2021 की जनगणना के अनुसार, कनाडा की कुल जनसंख्या 3 करोड़ 70 लाख है, जिसमें लगभग 16 लाख भारतीय मूल के नागरिक हैं, जो कुल जनसंख्या का चार प्रतिशत हैं। इनमें से करीब 7.70 लाख लोग...

इंटरनेशनल डेस्क. कनाडा की राजनीति में पंजाबी समुदाय की भूमिका दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। 2021 की जनगणना के अनुसार, कनाडा की कुल जनसंख्या 3 करोड़ 70 लाख है, जिसमें लगभग 16 लाख भारतीय मूल के नागरिक हैं, जो कुल जनसंख्या का चार प्रतिशत हैं। इनमें से करीब 7.70 लाख लोग सिख समुदाय से हैं।

सबसे दिलचस्प बात यह है कि पिछले 20 वर्षों में कनाडा में सिखों की आबादी दोगुनी हो गई है। ज्यादातर सिख पंजाब से कनाडा माइग्रेट हुए थे, जिनका उद्देश्य उच्च शिक्षा प्राप्त करना या बेहतर नौकरी प्राप्त करना था। इस बढ़ती संख्या का असर कनाडा की राजनीति पर भी पड़ा है और यही कारण है कि सिख समुदाय का राजनीतिक प्रभाव बढ़ा है। उदाहरण के लिए भारतीय मूल के जगमीत सिंह ने कनाडा के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है और उनकी पार्टी ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार को समर्थन दिया है।

पंजाबी वोट बैंक का प्रभाव

कनाडा के ओंटारियो और ब्रिटिश कोलंबिया (बीसी) में चुनावी सीटों का फैसला पंजाबी समुदाय के वोट बैंक पर निर्भर करता है। इंग्लिश और फ्रेंच के बाद पंजाबी कनाडा में तीसरी सबसे लोकप्रिय भाषा है। कनाडा में सबसे अधिक सिख ओंटारियो, ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा में रहते हैं और इन राज्यों में उनका राजनीतिक प्रभाव भी बहुत ज्यादा है।

सिख समुदाय का योगदान

कनाडा में सिख समुदाय का निर्माण, परिवहन और बैंकिंग क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान है। कई सिखों के पास सफल होटल-रेस्टोरेंट और गैस स्टेशन जैसे व्यापार हैं। आंकड़ों के अनुसार, करीब 4.15 लाख सिखों के पास स्थायी घर हैं।

2015 में जब जस्टिन त्रूडो पहली बार प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में सिख समुदाय से चार मंत्रियों को चुना, जो कि केंद्रीय स्तर पर सिख समुदाय का अब तक का सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व था। वर्तमान में कनाडा के 388 सांसदों में से 18 सिख हैं, जिनमें से आठ सीटों पर सिखों का पूरा दबदबा है। इसके अलावा 15 अन्य सीटों पर सिख समुदाय का महत्वपूर्ण प्रभाव है। यही कारण है कि कोई भी राजनीतिक दल पंजाबी समुदाय को नाराज नहीं करना चाहता है।

ब्रैम्पटन में पंजाबी समुदाय का असर

कनाडा के ओंटारियो प्रांत के ब्रैम्पटन शहर की चारों सीटों पर पंजाबी समुदाय का प्रभाव है। इस क्षेत्र में मनिंदर सिद्धू तीसरी बार चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। इसके अलावा कमल खेड़ा भी पंजाबी समुदाय से हैं और वे वर्तमान में मंत्री हैं। हरजीत सिंह सज्जन और सुख धालीवाल जैसे नेता भी हैं, जिन्होंने कभी चुनाव नहीं हारे। सुख धालीवाल बीसी से सांसद हैं और उनका कहना है कि वह अगले चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

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