Edited By Mahima,Updated: 09 Nov, 2024 11:24 AM
कतर ने अमेरिका के दबाव में हमास के नेताओं को देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है। अमेरिका ने कतर से आग्रह किया था कि वह दोहा में रह रहे हमास के नेताओं को शरण देना बंद करे। कतर ने इस पर सहमति दी और उन्हें बाहर जाने का आदेश दिया। संभावना है कि हमास के...
नेशनल डेस्क: कतर ने हाल ही में हमास के नेताओं को देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है, जो अमेरिकी अधिकारियों के दबाव में लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है। हमास के कई प्रमुख नेता कतर की राजधानी दोहा में शरण लिए हुए थे, और अब उन्हें वहां से बाहर जाने का आदेश दिया गया है। यह कदम खासतौर पर अमेरिका और कतर के बीच हालिया बातचीत का परिणाम है, जहां अमेरिका ने कतर से हमास के नेताओं को शरण देना बंद करने की अपील की थी।
अमेरिका का दबाव: हमास और इजरायल के संघर्ष में भूमिका
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए इस समय हमास और इजरायल के बीच संघर्ष को रोकने और युद्धविराम की पहल को लागू करना सर्वोच्च प्राथमिकता बन चुकी है। इसी संदर्भ में, अमेरिकी अधिकारियों ने कतर से आग्रह किया था कि वह दोहा में रह रहे हमास के नेताओं को शरण देना बंद कर दे। लगभग दो सप्ताह पहले, अमेरिका ने कतर से इस मामले में सख्त रुख अपनाने की बात की थी, जिसके बाद कतर ने अब इस पर सहमति दी है।
हमास पर अमेरिकी आरोप: आतंकवाद और बंधकों का अपहरण
सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक वरिष्ठ अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारी ने कहा, "हमास एक आतंकवादी समूह है, जिसने न केवल अमेरिकी नागरिकों को मारा है, बल्कि उन्हें बंधक भी बनाया है। इसके अलावा, इस समूह ने बार-बार बंधकों को रिहा करने के प्रस्तावों को नकारा है। ऐसे में इसके नेताओं का किसी भी अमेरिकी साझेदार देश की राजधानी में स्वागत नहीं किया जाना चाहिए।" अमेरिकी अधिकारियों का यह बयान इस बात का संकेत है कि हमास के खिलाफ अमेरिकी नीति में और अधिक कड़ाई आने वाली है।
कतर पर बढ़ा दबाव: इजरायल-अमेरिकी बंधकों के मुद्दे पर अमेरिकी रुख
कतर पर यह दबाव इजरायल और अमेरिका के बंधक हर्श गोल्डबर्ग-पोलिन की हालिया मौत और हमास द्वारा एक और युद्धविराम प्रस्ताव को अस्वीकार किए जाने के बाद और बढ़ गया। अमेरिकी अधिकारियों ने कतर से कहा था कि वह हमास के नेताओं को निष्कासन की धमकी दे, ताकि वे गाजा में युद्ध रोकने के लिए सहमत हों। अमेरिकी अधिकारियों का यह भी कहना था कि कतर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमास के साथ वार्ता में निष्कासन की धमकी का लाभ उठाया जाए। इसी संदर्भ में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भी कतर से कहा था कि अगर हमास गाजा में युद्ध रोकने के लिए सहमत नहीं होता, तो उसे दोहा से बाहर निकाल दिया जाएगा।
हमास के नेताओं का अगला ठिकाना: तुर्की की संभावना
हमास के नेताओं को कतर से कब निर्वासित किया जाएगा और वे कहां जाएंगे, यह अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, कतर ने हमास को देश छोड़ने के लिए कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि हमास के नेता तुर्की में शरण ले सकते हैं। तुर्की पहले भी हमास के नेताओं को शरण दे चुका है, और यह संभावना जताई जा रही है कि हमास के नेता अब तुर्की की ओर रुख करेंगे। तुर्की का समर्थन हमास के लिए एक संभावित सुरक्षित ठिकाना बन सकता है, क्योंकि तुर्की और हमास के बीच मजबूत संबंध हैं।
कतर और अमेरिका के बीच तनाव: कतर का भूमिका बदलना
यह बदलाव कतर और अमेरिका के रिश्तों में महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। कतर, जो पहले से ही मध्य-पूर्व में एक प्रमुख कूटनीतिक और राजनीतिक केंद्र के रूप में उभरा है, को अब अपनी नीति में बदलाव करना पड़ सकता है। हमास को शरण देने का कतर का निर्णय पहले से विवादित रहा है, लेकिन अब अमेरिकी दबाव के कारण उसे यह कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है।
कतर द्वारा हमास के निष्कासन की संभावना
कतर ने हमास के नेताओं को देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया है, लेकिन यह कदम कतर और हमास के संबंधों को जटिल बना सकता है। कतर ने हमेशा अपनी कूटनीतिक रणनीति में मध्य-पूर्वी देशों के बीच तटस्थ रहने की कोशिश की है, लेकिन इस बार अमेरिका के दबाव ने उसे अपनी स्थिति बदलने पर मजबूर कर दिया है। कतर के अधिकारियों का कहना है कि वे अमेरिकी अनुरोध को मानते हुए हमास को निष्कासित करने की प्रक्रिया में हैं।
अमेरिका और कतर के रिश्तों में बदलाव
अमेरिका का यह दबाव कतर की विदेश नीति में बदलाव का संकेत है। कतर के साथ अमेरिका के रिश्तों में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि कतर पहले से ही मध्य-पूर्वी देशों के बीच एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक भूमिका निभाता रहा है। अमेरिका का यह कदम कतर के राजनीतिक भविष्य और उसकी अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक भूमिका को प्रभावित कर सकता है।
निष्कासन का प्रभाव: मध्य-पूर्व की राजनीति पर असर
कतर द्वारा हमास के नेताओं को निष्कासित करने का असर केवल कतर और अमेरिका के रिश्तों पर नहीं, बल्कि समग्र मध्य-पूर्व की राजनीति पर भी पड़ सकता है। हमास को शरण देने वाले देशों के लिए यह एक बड़ा निर्णय होगा, क्योंकि इससे उनका रुख और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की दिशा बदल सकती है। साथ ही, इससे इजरायल और हमास के बीच संघर्ष को लेकर कूटनीतिक प्रयासों में भी बदलाव आ सकता है। कतर ने हमास के नेताओं को बाहर निकालने का फैसला लिया है, लेकिन इसका असर कतर, अमेरिका और समग्र मध्य-पूर्व की राजनीति पर लंबे समय तक पड़ सकता है। अब यह देखना होगा कि हमास के नेता अगले कदम के रूप में कहां शरण लेते हैं, और क्या इससे गाजा में युद्धविराम के लिए कोई सकारात्मक कदम उठाया जा सकता है।