Edited By Utsav Singh,Updated: 31 Oct, 2024 12:51 PM
बिहार में उपचुनाव की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं, विशेष रूप से प्रशांत किशोर की पार्टी जन जन सुराज के उम्मीदवारों के चयन पर। इन चार सीटों बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी के लिए उम्मीदवारों पर आपराधिक मामलों और शिक्षा के स्तर...
नेशनल डेस्क : बिहार में उपचुनाव की तारीख करीब आते ही सियासी हलचल तेज हो गई है, खासकर प्रशांत किशोर की पार्टी जन जन सुराज के उम्मीदवारों के चयन को लेकर। चार सीटों पर हो रहे उपचुनाव में उनकी पार्टी के प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले और शिक्षा के स्तर को लेकर सवाल उठ रहे हैं। प्रत्याशियों के खिलाफ दर्ज मामलों में हत्या का प्रयास, रंगदारी, अपहरण और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इससे प्रशांत किशोर की छवि पर असर पड़ सकता है, खासकर जब उन्होंने पहले बिहार में अपराधीकरण के खिलाफ बोलते हुए अन्य राजनीतिक दलों पर निशाना साधा था।
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प्रत्याशियों पर उठते सवाल
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मोहम्मद अमजद (बेलागंज):
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जितेंद्र पासवान (इमामगंज):
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सुशील कुमार सिंह कुशवाहा (रामगढ़):
यह भ बढ़ें - Post Office की ये है कमाल की स्कीम... सिर्फ ब्याज से ही कमा लेंगे 2 लाख रुपए
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किरण सिंह (तरारी):
शिक्षा का स्तर
प्रशांत किशोर के सभी चार प्रत्याशी 12वीं कक्षा से ज्यादा पढ़े नहीं हैं, जिससे उनकी योग्यताओं पर सवाल उठने लगे हैं। खुद प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में अपराधीकरण और शिक्षा के मुद्दों पर पहले टिप्पणी की थी, जिससे उनके चयन को लेकर विरोधाभास पैदा हो रहा है।
प्रशांत किशोर का बचाव
प्रशांत किशोर ने कहा है कि उनके सभी प्रत्याशी सामान्य परिवारों से आते हैं और न तो अपराधी हैं, न ही माफिया से जुड़े हुए हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि सही उम्मीदवार के चयन का मानदंड केवल डिग्री नहीं, बल्कि समाज में उनकी छवि भी होनी चाहिए।यह स्थिति प्रशांत किशोर के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकती है, खासकर जब दूसरे राजनीतिक दल उनके चयन पर सवाल उठाकर उन पर हमला करने की कोशिश कर रहे हैं। उपचुनाव में उनकी रणनीति और उम्मीदवारों की छवि के बीच यह मुद्दा महत्वपूर्ण हो सकता है।