Edited By Mahima,Updated: 30 Oct, 2024 03:11 PM
डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित समिति ने NEET UG परीक्षा में ऑनलाइन और हाइब्रिड मोड से संचालन, अटेम्प्ट की संख्या सीमित करने, और परीक्षा को कई चरणों में आयोजित करने की सिफारिश की है। CUET में विषयों की संख्या घटाने और NTA में स्थायी...
नेशनल डेस्क: हाल ही में, डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित एक विशेष समिति ने NEET UG परीक्षा में कई बड़े बदलावों की सिफारिश की है। इस समिति का गठन देश भर में NEET परीक्षा में हुई पेपर लीक की घटनाओं के कारण किया गया था, जिससे छात्रों और अभिभावकों में व्यापक आक्रोश उत्पन्न हुआ था। समिति का मुख्य उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करना और डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करना है।
परीक्षा का संचालन
समिति ने सिफारिश की है कि जहां तक संभव हो, NEET UG परीक्षा को ऑनलाइन तरीके से आयोजित किया जाए। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि ऑनलाइन परीक्षा संचालन से न केवल प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि डेटा सुरक्षा में भी सुधार होगा। यदि किसी कारणवश ऑनलाइन परीक्षा संभव नहीं होती है, तो समिति ने हाइब्रिड मोड अपनाने की सिफारिश की है।
हाइब्रिड मोड में परीक्षा का संचालन:
- हाइब्रिड मोड के तहत, प्रश्नपत्र डिजिटल तरीके से परीक्षा केंद्र पर भेजा जाएगा।
- परीक्षार्थी ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन) शीट पर अपने उत्तर देंगे।
- यह प्रक्रिया उस स्थिति में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होगी जब प्रश्न पत्र लीक होने की आशंका हो।
परीक्षा के चरण
समिति ने यह सुझाव भी दिया है कि NEET UG परीक्षा को कई चरणों में आयोजित किया जाए, विशेष रूप से दो चरणों में। इससे परीक्षार्थियों को बेहतर तैयारी करने का मौका मिलेगा और परीक्षा प्रक्रिया अधिक सुव्यवस्थित होगी।
अटेम्प्ट की संख्या सीमित करने की सिफारिश
अभी तक, NEET UG में परीक्षार्थियों को असीमित बार परीक्षा देने का विकल्प था। समिति ने इस पर भी ध्यान दिया और सिफारिश की है कि NEET UG के लिए अटेम्प्ट की संख्या को सीमित किया जाए। इस बदलाव का उद्देश्य छात्रों को परीक्षा में गंभीरता से तैयारी करने के लिए प्रेरित करना है।
CUET परीक्षा में सुधार
समिति ने केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (CUET) में भी सुधार की सिफारिश की है। वर्तमान में, इस परीक्षा में 50 विषय हैं और छात्रों को इनमें से 6 का चयन करने का विकल्प दिया जाता है। समिति ने सुझाव दिया है कि विषयों की संख्या को सीमित किया जाए, जिससे परीक्षा अधिक सरल और प्रभावी बन सके।
NTA के संचालन में सुधार
समिति ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) की संरचना और संचालन की समीक्षा भी की। उन्होंने सिफारिश की है कि NTA को अधिक स्थायी कर्मचारियों की आवश्यकता है, जिससे परीक्षा संचालन में दक्षता बढ़ सके। इसके साथ ही, समिति ने सरकार से आग्रह किया है कि वह अपने परीक्षा केंद्र विकसित करे, बजाय इसके कि वह निजी संस्थानों पर निर्भर रहे।
सरकारी नियंत्रण बढ़ाने की मांग
समिति ने परीक्षा प्रक्रिया पर सरकारी नियंत्रण बढ़ाने की भी सिफारिश की है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि परीक्षा केंद्रों और प्रक्रिया का संचालन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा सके। वर्तमान में, NTA परीक्षा का आयोजन सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में करती है, लेकिन यदि इनकी संख्या कम पड़ती है, तो वे एआईसीटीई (अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद) से मान्यता प्राप्त संस्थानों और निजी संस्थानों की मदद लेती हैं। समिति ने इस बात पर भी जोर दिया कि निजी संस्थानों की संख्या को कम किया जाए। डॉ. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित इस समिति की सिफारिशें शिक्षा मंत्रालय को भेजी जा चुकी हैं। यदि इन पर अमल किया जाता है, तो यह NEET UG परीक्षा को अधिक प्रभावी, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने में मदद कर सकती हैं। इन बदलावों का उद्देश्य न केवल परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करना है, बल्कि छात्रों के लिए एक बेहतर और सुरक्षित परीक्षा वातावरण भी सुनिश्चित करना है।