Edited By Harman Kaur,Updated: 02 Aug, 2024 02:39 PM
AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने आज सरकार से OTT प्लेटफॉर्म्स पर पायरेसी को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की है। उन्होंने राज्यसभा में अपने भाषण में बताया कि पायरेसी की वजह से फिल्म उद्योग को हर साल ₹20,000 करोड़ का नुकसान हो रहा है।
नेशनल डेस्क: AAP के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने आज सरकार से OTT प्लेटफॉर्म्स पर पायरेसी को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने की मांग की है। उन्होंने राज्यसभा में अपने भाषण में बताया कि पायरेसी की वजह से फिल्म उद्योग को हर साल 20,000 करोड़ का नुकसान हो रहा है।
'पायरेसी के कारण बर्बाद हो जाती है कलाकारों की वर्षों की मेहनत..'
चड्ढा ने कहा, "कलाकारों की वर्षों की मेहनत पायरेसी के कारण बर्बाद हो जाती है। फिल्म उद्योग को हर साल ₹20,000 करोड़ का नुकसान हो रहा है।" उनकी यह टिप्पणी COVID-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन पायरेसी में 62% की वृद्धि को लेकर उठे चिंताओं के बीच आई है। चड्ढा ने कहा कि कलाकारों की सृजनात्मक मेहनत और उद्योग की आर्थिक स्थिति पर पायरेसी का बुरा असर पड़ रहा है।
'पायरेसी फिल्म उद्योग के लिए बन चुकी है एक बड़ा संकट'
राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया प्लेटफोर्म एक्स पर लिखा कि "पायरेसी फिल्म उद्योग के लिए एक बड़ा संकट बन चुकी है और अब OTT प्लेटफॉर्म में भी यह फैल गई है। महामारी के दौरान ऑनलाइन पायरेसी में 62% वृद्धि हुई। हमने एक साल पहले सिनेमाटोग्राफिक (संशोधन) विधेयक पारित किया, लेकिन यह डिजिटल पायरेसी के खिलाफ ठोस उपाय नहीं करता और मुख्यतः मल्टीप्लेक्सों में कैमरे से रिकॉर्डिंग पर ध्यान केंद्रित करता है।"
चड्ढा ने मौजूदा कानून की सीमाओं की आलोचना करते हुए कहा कि यह डिजिटल पायरेसी की चुनौतियों का समुचित समाधान नहीं करता। उन्होंने सरकार से इस समस्या से निपटने के लिए विशेष कानून लाने की अपील की।