Edited By Mahima,Updated: 21 Jan, 2025 12:57 PM
बिहार के समस्तीपुर जिले के निवासी मुकेश चौधरी ने राहुल गांधी के बयान के कारण हुए 250 रुपये के नुकसान के लिए कोर्ट में केस दायर किया है। चौधरी का आरोप है कि गांधी का बयान सुनकर वह सदमे में आ गए और दूध की बाल्टी गिरा दी। उन्होंने राहुल गांधी पर...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के एक बयान के कारण एक व्यक्ति को 250 रुपये का नुकसान हुआ है। यह घटना समस्तीपुर जिले के रोसरा उप-मंडल के सोनूपुर गांव से सामने आई है, जहां स्थानीय निवासी मुकेश चौधरी ने अपने नुकसान का आरोप राहुल गांधी के बयान पर लगाते हुए सिविल कोर्ट में मामला दायर किया है।
मुकेश चौधरी का कहना है कि पिछले सप्ताह राहुल गांधी के बयान को सुनकर उन्हें सदमा लगा और इसका असर उनकी दिनचर्या पर पड़ा। गांधी ने कांग्रेस के नए कार्यालय के उद्घाटन के दौरान अपने भाषण में कहा था कि उनकी लड़ाई सिर्फ बीजेपी और आरएसएस से नहीं है, बल्कि वह भारतीय राज्य (Indian State) के खिलाफ भी लड़ रहे हैं। गांधी ने यह भी कहा था कि बीजेपी और आरएसएस ने भारतीय संस्थानों पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है।
चौधरी का कहना है कि गांधी का यह बयान सुनकर वह इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि उन्होंने दूध की बाल्टी हाथ से गिरा दी। चौधरी ने दावा किया कि उनके पास पांच लीटर दूध था, जिसकी कीमत 50 रुपये प्रति लीटर थी, यानी कुल 250 रुपये का नुकसान हुआ। यह घटना तब हुई जब वह गांधी का बयान सुन रहे थे और अचानक उनका ध्यान भटका, जिससे दूध की बाल्टी हाथ से गिर गई।
चौधरी ने इसके बाद समस्तीपुर के रोसरा उप-मंडल सिविल कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी पर राजद्रोह (Sedition) और अन्य आपराधिक धाराओं के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है। चौधरी का कहना है कि गांधी का बयान भारतीय संप्रभुता को खतरे में डालने वाला था और इससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने गांधी की टिप्पणी को देशद्रोह के रूप में देखा, क्योंकि उनके अनुसार यह टिप्पणी भारतीय राज्य की वैधता को चुनौती देने वाली थी।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि अदालत ने चौधरी की याचिका को स्वीकार किया है या नहीं, लेकिन इस मामले ने सोशल मीडिया और मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी हैं। यह मामला समस्तीपुर तक ही सीमित नहीं है। दरअसल, राहुल गांधी के इसी बयान पर असम में भी एक प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है। असम में भी गांधी के बयान को लेकर विरोध हुआ और उनके खिलाफ कानून की कार्रवाई की मांग की गई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब 15 जनवरी को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के नए कार्यालय के उद्घाटन के दौरान राहुल गांधी ने अपने भाषण में भारतीय राज्य के खिलाफ अपनी लड़ाई का जिक्र किया। गांधी का यह बयान बीजेपी और आरएसएस से उनकी आलोचना के साथ-साथ भारतीय राज्य की संप्रभुता को लेकर भी एक गंभीर बयान था।