Edited By Mahima,Updated: 25 Nov, 2024 12:32 PM
उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद में सर्वेक्षण के विरोध में हुई हिंसा में चार लोगों की मौत और 20 लोग घायल हो गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राज्य और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया, कहा कि असंवेदनशील प्रशासन ने माहौल बिगाड़ा। 30 नवंबर तक संभल में...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद में रविवार, 24 नवंबर को हुए हिंसक घटनाक्रम ने प्रदेश में जबरदस्त विवाद पैदा कर दिया है। घटना उस वक्त हुई जब अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद में सर्वेक्षण कार्य किया जा रहा था, जिसके विरोध में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई, जिसके चलते हिंसा और गोलीबारी की घटनाएँ सामने आईं। इस संघर्ष में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
घटना के बाद तनाव, प्रशासन का सख्त कदम
हिंसा के बाद, संभल जिले में तनाव की स्थिति बन गई और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं और 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया गया। इसके अलावा, जिले में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 163 के तहत 30 नवंबर तक निषेधाज्ञा (Curfew) लागू कर दी गई है, जिससे बाहरी लोगों का जिले में प्रवेश रोक दिया गया है।
राहुल गांधी ने बीजेपी पर आरोप लगाए
इस हिंसा पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राज्य और केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने इस घटना को लेकर अपनी चिंता जताते हुए एक ट्वीट में लिखा कि "संभल में हुई हिंसा और फायरिंग में जिन लोगों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। राज्य सरकार का पक्षपाती और जल्दबाजी भरा रवैया बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।" राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रशासन की असंवेदनशीलता और बिना सभी पक्षों को सुने की गई कार्रवाई ने माहौल को और बिगाड़ा, और इस हिंसा के परिणामस्वरूप कई निर्दोष लोगों की जान चली गई। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि इस हिंसा के लिए सीधे तौर पर भाजपा सरकार जिम्मेदार है। उनका कहना था कि बीजेपी सत्ता का इस्तेमाल हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच दरार पैदा करने के लिए करती है और इस प्रकार की राजनीति से प्रदेश और देश का कोई भला नहीं होने वाला। उन्होंने अपील की कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में जल्द हस्तक्षेप करे और न्याय दिलाए।
शांति की अपील
राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में शांति और आपसी सौहार्द की अपील की। उन्होंने लिखा, "हम सबको एक साथ आकर यह सुनिश्चित करना है कि भारत सांप्रदायिकता और नफरत की राह पर न चले, बल्कि एकता और संविधान के रास्ते पर आगे बढ़े।" उनका कहना था कि यह समय संवेदनशीलता और समझदारी से काम लेने का है, ताकि हिंसा की घटनाओं को रोका जा सके और समाज में शांति बनाए रखी जा सके।
संभल में तनाव के कारण सख्त प्रशासनिक उपाय
संभल में हुई इस हिंसा के बाद प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। जिले में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है ताकि सोशल मीडिया पर भड़काऊ अफवाहों को फैलने से रोका जा सके। इसके अलावा, 30 नवंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। यह कदम हिंसा को और बढ़ने से रोकने के लिए उठाया गया है, क्योंकि प्रशासन को डर है कि बाहर से आने वाले लोग और हालात को और बिगाड़ सकते हैं। इसके साथ ही, संभल जिले के अधिकारियों ने यह भी घोषणा की है कि जिले में सभी स्कूलों को बंद रखा जाएगा, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरकार ने स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए रखने और हिंसा को शांत करने के लिए संवेदनशील इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है।
कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप
इस हिंसा को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच तीखी बयानबाजी हो रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जहां भाजपा को इस हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया, वहीं भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया। भाजपा नेताओं का कहना है कि यह घटना एक कानून-व्यवस्था की समस्या है और इसे राजनीतिक रंग देने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए।
संभल में घटनाओं का पटाक्षेप और आगे की स्थिति
संभल की जामा मस्जिद में हुई हिंसा ने एक बार फिर से राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर बढ़ती आलोचनाओं के बीच, अब हर कोई यही उम्मीद कर रहा है कि इस मामले में जल्द से जल्द न्याय मिलेगा और प्रदेश में शांति की स्थिति बहाल की जा सकेगी। इस घटना के बाद संभल में फैला तनाव अब तक पूरी तरह से शांत नहीं हो पाया है, लेकिन प्रशासन की ओर से उठाए गए कदमों और शांति बनाए रखने की अपील से उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।