Edited By Parveen Kumar,Updated: 30 Dec, 2024 10:18 PM
कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपने ‘राजनीतिक लाभ' के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का ‘‘फायदा' उठाया और जब पूरा देश उनके निधन पर शोक मना रहा है, तब राहुल नए साल का जश्न मनाने के लिए...
नेशनल डेस्क : कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपने ‘राजनीतिक लाभ' के लिए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन का ‘‘फायदा'' उठाया और जब पूरा देश उनके निधन पर शोक मना रहा है, तब राहुल नए साल का जश्न मनाने के लिए वियतनाम चले गए। कांग्रेस ने पलटवार करते हुए पूछा कि ‘‘संघी ध्यान भटकाने की राजनीति कब बंद करेंगे।'' भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘जब पूरा देश प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक मना रहा है, तब राहुल गांधी नए साल का जश्न मनाने के लिए वियतनाम चले गए।'' उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने अपनी ‘‘सुविधाजनक राजनीति'' के लिए डॉ. सिंह के निधन का ‘‘फायदा'' उठाया।
भाजपा नेता ने कहा कि सिंह के प्रति राहुल के ‘‘असम्मान'' को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मालवीय ने आरोप लगाया, ‘‘गांधी और कांग्रेस सिखों से नफरत करते हैं। यह कभी न भूलें कि इंदिरा गांधी ने दरबार साहिब को अपवित्र किया था।'' कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘संघी ध्यान भटकाने की ये राजनीति कब बंद करेंगे?'' उन्होंने आरोप लगाया कि जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंह के अंतिम संस्कार के लिए यमुना तट पर जगह देने से इनकार कर दिया और उनके मंत्रियों ने पूर्व प्रधानमंत्री के परिवार को जगह नहीं दी, वह ‘‘शर्मनाक'' था।
वियतनाम यात्रा पर कांग्रस नेता ने मालवीय से पूछा, ‘‘अगर गांधी निजी तौर पर यात्रा करते हैं, तो आपको इससे क्या परेशानी है?'' रविवार को भी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार को लेकर दोनों दलों के बीच वाकयुद्ध हुआ था। रविवार को भाजपा ने केंद्र के खिलाफ कांग्रेस के उन आरोपों को बेबुनियाद करार दिया कि सिंह की अंत्येष्टि के दौरान ‘‘असम्मान और कुप्रबंधन'' देखने को मिला। मनमोहन सिंह (92) का 26 दिसंबर की रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह 92 वर्ष के थे। 1990 के दशक में आर्थिक उदारीकरण के युग की शुरुआत करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री का शनिवार को निगमबोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।