mahakumb

दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति Yoon Suk Yol के ऑफिस छापेमारी, मार्शल लॉ को लेकर बढ़ा सियासी संकट

Edited By Mahima,Updated: 11 Dec, 2024 08:59 AM

raids against president yoon suk yol in south korea

दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल पर मार्शल लॉ लागू करने और विद्रोह के आरोप में जांच चल रही है। 9 दिसंबर को उनके दफ्तर पर पुलिस ने छापेमारी की और उनके खिलाफ कई आरोप सामने आए। विरोध प्रदर्शन के बीच विपक्ष उनके खिलाफ महाभियोग की मांग कर रहा है।

नेशनल डेस्क: दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ हाल ही में बड़ा राजनीतिक संकट गहराया है। 9 दिसंबर को, दक्षिण कोरियाई पुलिस ने अचानक राष्ट्रपति यून सुक योल के दफ्तर पर छापेमारी की। यह छापेमारी उनके खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के संदर्भ में की गई थी। इसके बाद, दक्षिण कोरिया की न्याय मंत्रालय ने पुष्टि की कि राष्ट्रपति यून पर देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह पहली बार हुआ है जब किसी दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति को उनके पद पर रहते हुए विदेश यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। इस कदम का संबंध राष्ट्रपति यून द्वारा हाल ही में घोषित किए गए आपातकालीन मार्शल लॉ से है, जिसके बाद दक्षिण कोरिया में राजनीतिक उथल-पुथल का माहौल बन गया है।

अचानक घोषित किया गया मार्शल लॉ
3 दिसंबर की रात को, राष्ट्रपति यून ने अचानक देश में मार्शल लॉ लागू कर दिया था, जिसके तहत उन्होंने विशेष बल और हेलिकॉप्टर भेजने का आदेश दिया था। उनके इस कदम से पूरे देश में राजनीतिक संकट खड़ा हो गया था। राष्ट्रपति यून का कहना था कि यह कदम उत्तर कोरिया समर्थित 'देश-विरोधी' और 'कम्युनिस्ट' ताकतों के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई के लिए उठाया गया था। हालांकि, यून का यह आदेश संसद और विपक्षी दलों के बीच तीव्र विरोध का कारण बना। विपक्षी दलों के सांसदों और यून की पार्टी के कई नेताओं ने राष्ट्रपति के आदेश को अस्वीकार किया और उन्हें यह आदेश वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया। अंततः, राष्ट्रपति यून को अपनी घोषणा को वापस लेना पड़ा और उनका मार्शल लॉ केवल छह घंटे के लिए लागू रहा।

महाभियोग की धमकी और बढ़ते विरोध प्रदर्शन
राष्ट्रपति यून के इस निर्णय के बाद, दक्षिण कोरिया में राजनीतिक अस्थिरता और विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति यून के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बनाई। इसके अलावा, जनता भी सड़कों पर उतर आई और यून को पद से हटाने की मांग करने लगी। कड़ाके की ठंड में भारी भीड़ संसद के बाहर जमा हुई, जहां उन्होंने राष्ट्रपति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। यह प्रदर्शन सियोल में और पूरे देश में तेजी से फैल गए।

राष्ट्रपति यून के खिलाफ चल रही जांच
दक्षिण कोरिया के न्याय मंत्रालय ने यह भी पुष्टि की कि राष्ट्रपति यून सुक योल पर पहले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन पर उनके पद पर रहते हुए देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है। न्याय मंत्रालय ने यह कदम उनके खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के चलते उठाया है। इस जांच में राष्ट्रपति यून के खिलाफ मार्शल लॉ लागू करने और अराजकता फैलाने के आरोप लगाए गए हैं। विपक्ष और कई राजनीतिक विश्लेषकों का आरोप है कि यून ने अपने आदेश से देश में अस्थिरता और अराजकता का माहौल उत्पन्न किया था।

दक्षिण कोरिया में एक नई जांच की शुरुआत
राष्ट्रपति यून के आदेश के खिलाफ सियासी विरोध के बावजूद, दक्षिण कोरिया में एक नई जांच की शुरुआत हुई है। पुलिस ने राष्ट्रपति यून के करीबी सहयोगियों के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं, जिनमें पूर्व रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून और आठ अन्य उच्च अधिकारियों का नाम शामिल है। इन पर आरोप है कि उन्होंने राष्ट्रपति यून के आदेश में सहमति व्यक्त की थी और इसमें भाग लिया था। किम योंग ह्यून को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य अधिकारियों से भी पूछताछ की जा रही है। विपक्षी दलों ने इन अधिकारियों को 'विद्रोह' का आरोपी करार दिया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।

राजनीतिक अस्थिरता का असर
राष्ट्रपति यून के खिलाफ लगातार हो रहे विरोध और उनकी सरकार के फैसलों के खिलाफ बढ़ते आक्रोश ने दक्षिण कोरिया की राजनीति में अस्थिरता का माहौल बना दिया है। सरकार के खिलाफ लगातार बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के बीच, राष्ट्रपति यून के लिए यह समय काफी कठिन साबित हो रहा है। हालाँकि, महाभियोग प्रस्ताव से बचने के बाद भी, उन्हें कई गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दलों और आम नागरिकों का कहना है कि राष्ट्रपति यून को अपने फैसलों के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्हें राजनीतिक दबाव में आकर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। जनता की मांग है कि उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि देश में राजनीतिक स्थिरता लौट सके। दक्षिण कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक योल की स्थिति अब संकटपूर्ण हो गई है। उनके द्वारा अचानक लागू किए गए मार्शल लॉ और उसके बाद हुए विरोध प्रदर्शनों ने एक गंभीर सियासी संकट को जन्म दिया है। विपक्ष के महाभियोग प्रस्ताव, राष्ट्रपति के खिलाफ जांचें और बढ़ते विरोध प्रदर्शन यह संकेत देते हैं कि दक्षिण कोरिया की राजनीति में जल्द ही बड़े बदलाव हो सकते हैं। 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!