Edited By Mahima,Updated: 04 Oct, 2024 12:44 PM
केंद्र सरकार ने दिवाली से पहले रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस देने की घोषणा की है, जिसका लाभ 11,72,240 कर्मचारियों को मिलेगा। इस बोनस के लिए 2,828.57 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। साथ ही, किसानों के लिए 1,01,321 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया...
नेशनल डेस्क: दिवाली का त्योहार नजदीक आ रहा है और इस अवसर पर केंद्र सरकार ने रेलवे कर्मचारियों के लिए एक खुशखबरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई हालिया कैबिनेट बैठक में रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस देने का फैसला लिया गया है। इस निर्णय का लाभ करीब 11,72,240 रेलवे कर्मचारियों को मिलेगा, जिससे उनके लिए एक आर्थिक सहारा बनेगा।
बोनस की राशि
रेलवे कर्मचारियों के लिए इस बोनस की कुल राशि 2,828.57 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। यह बोनस उन कर्मचारियों के लिए है जो अपनी सेवाओं के माध्यम से रेलवे नेटवर्क की सही कार्यप्रणाली सुनिश्चित करते हैं। इनमें विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारी शामिल हैं, जैसे:
1. ट्रैक मेंटेनर: जो रेलवे ट्रैक की देखभाल और मरम्मत का काम करते हैं।
2. लोको पायलट: जो ट्रेन चलाते हैं और यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।
3. ट्रेन मैनेजर (गार्ड): जो ट्रेन संचालन और यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखते हैं।
4. स्टेशन मास्टर: जो स्टेशन पर ट्रेन संचालन और अन्य व्यवस्थाओं की देखरेख करते हैं।
5. पर्यवेक्षक: जो रेलवे कर्मचारियों के कार्यों की निगरानी करते हैं।
6. तकनीशियन और तकनीशियन हेल्पर: जो ट्रेनों और रेलवे उपकरणों की तकनीकी देखरेख करते हैं।
7. ग्रुप सी स्टाफ: जो प्रशासनिक और तकनीकी कार्यों में सहायता करते हैं।
8. प्वाइंट्स मैन: जो ट्रेनों के सही दिशा में जाने के लिए ट्रैक पॉइंट्स को नियंत्रित करते हैं।
9. मिनिस्ट्री स्टाफ: जो रेलवे के प्रशासनिक और क्लेरिकल कार्यों में सहयोग करते हैं।
किसानों के लिए भी खुशखबरी
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषोन्ति योजनाओं के तहत 1,01,321 करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है। इस बजट में विभिन्न योजनाएं शामिल हैं, जो किसानों की आय को बढ़ाने और मध्यम व गरीब वर्ग की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेंगी।
भाषाओं को मिला क्लासिकल दर्जा
कैबिनेट ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसमें मराठी, पाली, प्राकृत, असमिया और बंगाली भाषाओं को क्लासिकल भाषा का दर्जा देने का फैसला किया गया है। इससे पहले तमिल, संस्कृत, तेलगु, कन्नड़, मलयालम और ओड़िया भाषाएं क्लासिकल भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुकी हैं। इस फैसले से इन भाषाओं के प्रति सम्मान और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को बढ़ावा मिलेगा। इस दिवाली, रेलवे कर्मचारियों को मिली यह आर्थिक सहायता न केवल उनके लिए खुशियों का कारण बनेगी, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी सुख और समृद्धि लाएगी। इसके साथ ही, किसानों के लिए भी सरकार द्वारा उठाए गए कदम उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होंगे। इस तरह के निर्णय देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और समाज के विभिन्न वर्गों के लिए अवसरों का निर्माण करते हैं।