श्रावणी के पावन महीने पर Railway का श्रद्धालुओं को बड़ा तोहफा, चलाई जाएंगी 36 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन

Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Jul, 2024 08:23 PM

railway s big gift to devotees on the holy month of shravan

श्रावण के पावन महीने को देखते हुए रेल मंत्रालय ने श्रद्धालुओं को बड़ा तोहफा दिया है। रेलवे ने 36 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया है। यह ट्रेनें लगभग 832 फेरे लगाएंगी। मलतब कि एक ट्रेन 23 फेरे लगाएगी।

नेशनल डेस्क: श्रावणी के पावन महीने को देखते हुए रेल मंत्रालय ने श्रद्धालुओं को बड़ा तोहफा दिया है। रेलवे ने 36 फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया है। यह ट्रेनें लगभग 832 फेरे लगाएंगी। मलतब कि एक ट्रेन 23 फेरे लगाएगी। रेल मंत्रालय ने X पर पोस्ट करते हुए यह जानकारी दी है। मंत्रालय ने कहा- ''श्रद्धालुओं की सुविधाजनक यात्रा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे श्रावणी के पावन महीने के दौरान विशेष रेलगाड़ियां चला रही है।''

बता दें कि, श्रावणी मेला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार और धार्मिक मेला है जो झारखंड राज्य के देवघर में स्थित बाबा बैद्यनाथ मंदिर में मनाया जाता है। यह मेला श्रावण मास के दौरान आयोजित किया जाता है, जो जुलाई-अगस्त के महीनों में आता है। इस मेले में लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं।
 

श्रावणी मेले का महत्व 
श्रावणी मेला श्रावण मास की पूर्णिमा से शुरू होकर पूरे महीने तक चलता है। यह मेला जुलाई-अगस्त के महीनों में आता है और सावन के महीने के प्रत्येक सोमवार को विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। श्रावणी मेला भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। यह मेला विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो कांवड़ यात्रा करते हैं। कांवड़िये गंगा नदी से पवित्र जल लाकर बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करते हैं। यह विश्वास किया जाता है कि ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

प्रमुख आकर्षण:

  1. कांवड़ यात्रा: भक्त कांवड़ लेकर गंगा नदी से जल भरकर पैदल यात्रा करते हैं और इसे बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करते हैं। यह यात्रा अक्सर सुल्तानगंज से देवघर तक की जाती है, जो लगभग 105 किलोमीटर की दूरी है।
  2. पूजा-अर्चना: श्रावणी मेला के दौरान मंदिर में विशेष पूजा और रुद्राभिषेक होते हैं। भक्त बाबा बैद्यनाथ को दूध, जल, बेल पत्र और अन्य सामग्री अर्पित करते हैं।
  3. धार्मिक अनुष्ठान: इस मेले के दौरान कई धार्मिक अनुष्ठान और हवन होते हैं, जिसमें भाग लेकर भक्त आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करते हैं।

ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व:

बाबा बैद्यनाथ मंदिर को बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है और इसका हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह माना जाता है कि यहाँ शिवलिंग पर जल अर्पित करने से सभी पापों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। श्रावणी मेला न केवल धार्मिक उत्साह का समय है, बल्कि यह भक्तों के लिए एक दूसरे से मिलने, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करने का अवसर भी है। यह मेला भक्तों के बीच एकता और श्रद्धा का प्रतीक है।

 

 

 

 


 

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