यमुना नदी से पंजाब को उसके हिस्से का पानी न मिलने का मुद्दा उठाया

Edited By Archna Sethi,Updated: 19 Mar, 2025 08:31 PM

raised the issue of punjab not getting its share of water from yamuna river

यमुना नदी से पंजाब को उसके हिस्से का पानी न मिलने का मुद्दा उठाया

चंडीगढ़, 19 मार्च –(अर्चना सेठी) पार्लियामेंट के बजट सत्र के दौरान जल संसाधनों से जुड़ी मांगों पर चल रही बहस में हिस्सा लेते हुए संगरूर से आम आदमी पार्टी के लोकसभा सदस्य गुरमीत सिंह मीत हेयर ने पंजाब की महत्वपूर्ण मांगें संसद में रखीं। उन्होंने कहा कि रिपेरियन राज्य होने के बावजूद पंजाब को उसके हिस्से का पानी नहीं मिल रहा है। पंजाब के पुनर्गठन के बाद भी यमुना नदी से पंजाब को उसका कानूनी हिस्सा नहीं दिया गया।

मीत हेयर ने कहा कि पंजाब में पीने का पानी दूषित हो रहा है और मालवा क्षेत्र इस समस्या से गंभीर रूप से प्रभावित है। इस क्षेत्र में कैंसर जैसी बीमारियों का प्रभाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हरित क्रांति ने देश के अन्न भंडार तो भर दिए, लेकिन पंजाब को भारी नुकसान उठाना पड़ा। पंजाब ने "जल जीवन मिशन" के तहत पाइपलाइन से जल आपूर्ति का कार्य तो पूरा कर लिया, लेकिन मालवा क्षेत्र को पीने के लिए भाखड़ा नहर से नहरी पानी की आपूर्ति की जरूरत है।

मीत हेयर ने संगरूर क्षेत्र में घग्गर नदी में आने वाली बाढ़ के मुद्दे को भी संसद में उठाया और केंद्र सरकार से मांग की कि घग्गर नदी के स्थायी प्रबंध के लिए कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि मकरौर साहिब से करेल तक 17 किलोमीटर के क्षेत्र में घग्गर नदी को चौड़ा और मजबूत किया जाए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चूंकि घग्गर नदी का प्रभाव पंजाब और हरियाणा, दोनों राज्यों पर पड़ता है, इसलिए केंद्र सरकार को इस मामले में पहल करनी चाहिए, ताकि संगरूर क्षेत्र को बाढ़ से बचाया जा सके।

इसके अलावा, मीत हेयर ने कहा कि पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित डैमों की डी-सिल्टिंग करवाई जाए, ताकि डैमों की जल भंडारण क्षमता बढ़े और बाढ़ के खतरे को कम किया जा सके। साथ ही, डी-सिल्टिंग से निकाली गई मिट्टी का उपयोग निर्माण कार्यों में किया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है और राज्य के 153 में से 117 ब्लॉक डार्क ज़ोन में पहुंच चुके हैं। संसद की  स्टैंडिंग कमेटी ने 2020-21 में सिफारिश की थी कि पंजाब को "अटल भूजल योजना" में शामिल किया जाए, क्योंकि राज्य इस योजना के सभी मानकों को पूरा करता है। लेकिन पांच साल बीतने के बाद भी पंजाब को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

मीत हेयर ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 2015 में पंजाब के लिए 1163 करोड़ रुपये के एक प्रोजेक्ट की मंजूरी का भी जिक्र किया, जिसके तहत सतलुज नहर प्रणाली का नवीनीकरण और विस्तार किया जाना था। लेकिन अब तक इस योजना के तहत पंजाब को कोई ग्रांट नहीं मिली है।

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