Edited By prachi upadhyay,Updated: 03 Sep, 2019 12:34 PM
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32 साल पहले राजस्थान के सीकर में हुए रूप कंवर सती कांड ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया था। इसको लेकर देशभर में जबरदस्त गुस्सा था। जिसके बाद इसमें 39 लोगों को आरोपी बनाकर मामले की सुनवाई शुरू हुई। जिसमें 8 आरोपियों पर सती की महिमामंडन का आरोप था।...
जयपुर: 32 साल पहले राजस्थान के सीकर में हुए रूप कंवर सती कांड ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया था। इसको लेकर देशभर में जबरदस्त गुस्सा था। जिसके बाद इसमें 39 लोगों को आरोपी बनाकर मामले की सुनवाई शुरू हुई। जिसमें 8 आरोपियों पर सती की महिमामंडन का आरोप था। 1987 के इस मामले की सुनवाई जयपुर के सती निवारण कोर्ट शुरू हुई और आज 32 साल बाद इसमें फैसला आनेवाला है। हालांकि, आरोपियों में कुछ लोगों की मौत हो गई और कुछ लोग बरी हो गए। वहीं 8 आरोपी जिन पर सती की महिमामंडन का आरोप था, उनको लेकर राजस्थान सरकार और आरोपियों के वकील के बीच बहस पूरी हो गई और अब 32 साल बाद विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगा। मामले के आठ आरोपी श्रवण सिंह, महेंद्र सिंह, निहाल सिंह, जितेंद्र सिंह, उदय सिंह, नारायण सिंह, भंवर सिंह और दशरथ सिंह हैं।
क्या था मामला ?
साल 1987 में 18 साल की रूप कुंवर की शादी सीकर जिले के माल सिंह शेखावत से हुई। लेकिन बीमारी के चलते शादी के सात ही महीने बाद माल सिंह की मौत हो गई। जिसके रूप कुंवर भी उनकी चिता के साथ सती हो गई। उस वक्त कहा गया कि रूप कंवर ने खुद ही पति की चिता के साथ सती होने की इच्छा जताई थी। ये कांड 4 सिंतबर 1987 को हुआ था।
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रूप कुंवर के सती होने के बाद पूरे गांव ने उन्हें सती देवी मान लिया और उनका मंदिर बनवा दिया। इतना ही नहीं गांववालों ने सती देवी के सम्मान में चुनरी महोत्सव का भी आयोजन किया। हालांकि जब ये बात फैली तो पूरे देश में हंगामा मच गया। जब पूरे मामले की जांच की गई तो उसमें ये सामने आया कि रूप कुंवर अपनी इच्छा से सती नहीं हुई थी। जिसके बाद 39 लोगों पर केस दर्ज किया गया और मामले की सुनवाई जयपुर की विशेष सती निवारण अदालत में शुरू हुई।
सती निवारण कानून
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आपको बता दें कि राजस्थान में पति की चिता के साथ सती होने की परंपरा रही हैं। हालांकि आजादी के बाद राज्य में सती होने की 29 घटनाएं सामने आई थी जिसमें रूप कंवर का मामला आखिरी था। रूप कंवर कांड के बाद ही सरकार ने सती निवारण कानून बनाया गया और सती मामलों के जल्दी निपटारे के लिए विशेष कोर्ट का भी गठन किया।