Edited By Rohini Oberoi,Updated: 02 Apr, 2025 01:43 PM
भारत का रक्षा निर्यात 2024-25 में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 23,622 करोड़ रुपये (लगभग 2.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच गया है जो पिछले साल की तुलना में 12.04 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी। इस उपलब्धि के बाद उन्होंने यह...
नेशनल डेस्क। भारत का रक्षा निर्यात 2024-25 में एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 23,622 करोड़ रुपये (लगभग 2.76 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच गया है जो पिछले साल की तुलना में 12.04 प्रतिशत अधिक है। यह जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी। इस उपलब्धि के बाद उन्होंने यह भी बताया कि भारत 2029 तक रक्षा निर्यात में 50,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
दुनिया में भारत का रक्षा उत्पादों का बढ़ता प्रभाव
रक्षा मंत्रालय के अनुसार 2023-24 में भारत का रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ रुपये था। अब 2024-25 में यह आंकड़ा बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये हो गया है जो देश के रक्षा उद्योग की वैश्विक पहुंच को दर्शाता है। राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में इसका वैश्विक व्यापार और बढ़ेगा।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भागीदारी
रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत के रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) ने इस वर्ष अपने निर्यात में 42.85 प्रतिशत का इज़ाफा किया है। यह वृद्धि भारतीय उत्पादों की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता को दर्शाता है। 2024-25 में डीपीएसयू ने 8,389 करोड़ रुपये का निर्यात किया जबकि निजी क्षेत्र ने 15,233 करोड़ रुपये का योगदान किया। 2023-24 में ये आंकड़े क्रमशः 5,874 करोड़ रुपये और 15,209 करोड़ रुपये थे।
वैश्विक स्तर पर भारतीय रक्षा उद्योग की बढ़ती भूमिका
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि भारत अब बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर सैन्य बल से स्वदेशी उत्पादन की ओर बढ़ रहा है। 2024-25 में भारत ने गोला-बारूद, हथियार, उप-प्रणाली और अन्य सैन्य उत्पादों को 80 देशों को निर्यात किया। यह भारत की बढ़ती सैन्य स्वदेशी क्षमता और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में इसकी भूमिका को भी स्पष्ट करता है।
निर्यात प्राधिकरण की बढ़ी संख्या
रक्षा मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि 2024-25 में कुल 1,762 निर्यात प्राधिकरण जारी किए गए हैं जो पिछले साल की तुलना में 17.4 प्रतिशत अधिक हैं। इससे यह स्पष्ट है कि भारत की रक्षा निर्यात नीति को वैश्विक स्तर पर और अधिक समर्थन मिल रहा है।
भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम
रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत अब आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते हुए एक बड़े रक्षा निर्यातक के रूप में उभर रहा है। 2029 तक 50,000 करोड़ रुपये का निर्यात लक्ष्य पूरी तरह से हासिल किया जा सकता है जो भारतीय रक्षा उद्योग की ताकत को और मजबूत करेगा।
वहीं इस तरह भारत का रक्षा निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है। भारत की रक्षा नीति अब वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रभावी हो रही है और देश आने वाले वर्षों में इस क्षेत्र में और अधिक सफलता की ओर बढ़ने के लिए तैयार है।