राम मंदिर निर्माण से सरकारी खजाने में 400 करोड़ रुपये का GST जमा होने का अनुमान : चंपत राय

Edited By Pardeep,Updated: 09 Sep, 2024 10:08 PM

ram mandir gst worth rs 400 crore expected to be deposited in govt treasury

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को अनुमान जताया कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर बने मंदिर के परिसर में जारी निर्माण कार्यों से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तौर पर सरकारी खजाने में करीब 400 करोड़ रुपये जमा...

इंदौरः श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को अनुमान जताया कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर बने मंदिर के परिसर में जारी निर्माण कार्यों से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तौर पर सरकारी खजाने में करीब 400 करोड़ रुपये जमा होंगे। राय ने इंदौर में अपने नागरिक अभिनंदन समारोह में कहा,‘‘मेरा अनुमान है कि राम मंदिर निर्माण कार्य में सरकार को जीएसटी के रूप में करीब 400 करोड़ रुपये तक मिल जाएंगे। हालांकि, इस कर वसूली का वास्तविक आंकड़ा निर्माण कार्य पूरा होने के बाद सरकार ही बता सकेगी।'' 

उन्होंने बताया कि 70 एकड़ पर विकसित हो रहे राम मंदिर परिसर में कुल 18 मंदिर बनने हैं जिनमें महर्षि वाल्मीकि, शबरी और तुलसीदास के मंदिर भी शामिल हैं। राय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण कार्य में सरकार को मिलने वाले करों में एक रुपये की भी कमी नहीं आएगी और ‘‘शत प्रतिशत कर'' अदा किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अयोध्या में राम मंदिर समाज के आम लोगों के सहयोग से बन रहा है। राय ने कहा कि उत्तर प्रदेश की इस धार्मिक नगरी में ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं कि प्रति दिन दो लाख श्रद्धालुओं के आने पर भी किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी नहीं होगी। 

चंपत राय, विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर बनाने के आंदोलन में न जाने कितने लोगों, उनके परिवारों और रिश्तेदारों को कष्ट हुआ होगा। राय ने कहा,‘‘यह यज्ञ (आंदोलन) आजादी की 1,000 साल की लड़ाई से कम नहीं है। वहां जितने कष्ट सहे गए और बलिदान हुए हैं, वैसा ही राम जन्मभूमि मुक्ति के इस यज्ञ में भी हुआ है। यह (आंदोलन) लोक कल्याण के लिए हुआ है।'' 

राय, अयोध्या के राम मंदिर परिसर में बनने वाले शिव मंदिर के लिए शिवलिंग तय करने के उद्देश्य से रविवार को मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के बकावा गांव गए थे। उन्होंने बताया कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक अधिकारी के सुझाव पर एक वास्तुकार के साथ बकावा गए थे। नर्मदा नदी के किनारे पर बसा हुआ यह गांव सुंदर शिवलिंग निर्माण के लिए मशहूर है। इस गांव के घर-घर में बनने वाले शिवलिंग देश-विदेश के मंदिरों में स्थापित किए जाते हैं। 

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