Edited By Mahima,Updated: 20 Feb, 2025 03:06 PM

पाकिस्तान के कराची स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के प्रमुख पुजारी राम नाथ मिश्रा ने कहा कि पाकिस्तान की सेना ने हिंदू समुदाय को हमेशा समर्थन दिया है, खासकर अतिक्रमण के खिलाफ। उन्होंने 2018 में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की, जिसने मंदिर...
नेशनल डेस्क: पाकिस्तान के कराची में स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के प्रमुख पुजारी राम नाथ मिश्रा ने 19 फरवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू समुदाय को पाकिस्तान की सेना का पूरा समर्थन मिला है, खासकर जब बात चरमपंथी और कट्टरपंथी संगठनों से सुरक्षा की होती है। पुजारी मिश्रा ने कराची में मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण के खिलाफ किए गए संघर्ष को याद किया और यह बताया कि कैसे पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण की कहानी बहुत पुरानी है। राम नाथ मिश्रा ने बताया कि पाकिस्तान के विभाजन (1947) के समय मंदिर की जमीन करीब 25 हजार वर्ग फुट थी, लेकिन समय के साथ इस पर अतिक्रमण कर लिया गया। 2018 में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट का एक ऐतिहासिक फैसला आया, जिसके बाद मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण हटाया गया और यह वापस हिंदू समुदाय को मिली। उन्होंने कहा, "हमने लंबी लड़ाई लड़ी और कई कट्टरपंथी संगठनों ने हमारा विरोध किया, लेकिन हम पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट तक गए और अपनी भूमि की मांग की।"
इस फैसले में अदालत ने न केवल पंचमुखी हनुमान मंदिर, बल्कि पाकिस्तान के अन्य सभी हिंदू पूजा स्थलों और संपत्तियों को भी अल्पसंख्यक समुदाय को सौंपने का आदेश दिया। इस फैसले के साथ ही पाकिस्तान सेना और सरकार ने भी इसका समर्थन किया और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को तेजी से लागू किया। राम नाथ मिश्रा ने कहा, "हमने पाकिस्तान सरकार से मंदिर को एक भव्य संरचना के रूप में विकसित करने की अपील की है, ताकि यह एक प्रमुख धार्मिक स्थल बन सके और दुनियाभर से पर्यटकों को आकर्षित कर सके। इससे न केवल हिंदू धर्म को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा।" उनका मानना है कि इस कदम से दोनों देशों के बीच रिश्ते भी बेहतर हो सकते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों का भी उन्होंने जिक्र किया और कहा कि दोनों देशों के लोग आपसी मित्रता बनाए रखना चाहते हैं। पुजारी ने वीजा प्रतिबंधों को आसान बनाने की जरूरत पर भी जोर दिया। उनके अनुसार, भारतीय हिंदू पाकिस्तान में स्थित प्राचीन हिंदू धार्मिक स्थलों जैसे कि कराची में पंचमुखी हनुमान मंदिर, पेशावर में गोरखनाथ मंदिर, चिट्टी हट्टी में शिव मंदिर, और इस्लामाबाद में कृष्ण मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं। वहीं, पाकिस्तान के हिंदू भी भारतीय धार्मिक स्थलों की यात्रा करना चाहते हैं, जैसे भारत के चार धाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री) पर जाने की इच्छा रखते हैं।पुजारी राम नाथ मिश्रा ने यह भी कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लोग आपसी भाईचारे और समझदारी के साथ एक-दूसरे के धार्मिक स्थलों का दौरा करने की उम्मीद रखते हैं, और इसके लिए वीजा नियमों में ढील दी जानी चाहिए। उनका मानना है कि इस प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों और यात्राओं से दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हो सकता है।