Edited By Utsav Singh,Updated: 29 Sep, 2024 11:04 AM
हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान, डेरा प्रमुख राम रहीम ने फिर से पैरोल की मांग की है। चुनाव आयोग ने जेल प्रशासन से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग यह जानना चाहता है कि राम रहीम की पैरोल की आवश्यकता के पीछे क्या कारण हैं, खासकर चुनावी माहौल में।
नेशनल डेस्क : हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच, डेरा प्रमुख राम रहीम ने एक बार फिर 20 दिन की पैरोल के लिए अर्जी दी है। यह अर्जी चुनाव आयोग को भेजी गई है, जिसने राम रहीम से स्पष्ट कारण पूछे हैं कि वह क्यों पैरोल पर बाहर आना चाहते हैं। जानकारों का कहना है कि चुनाव आयोग उसकी अर्जी से संतुष्ट नहीं है।
पिछली पैरोल और जेल वापसी
राम रहीम 13 अगस्त को 21 दिन की पैरोल पर बाहर आया था, और 2 सितंबर को वह रोहतक की सुनारिया जेल लौट गया था। अब, 27 दिन बाद फिर से पैरोल मांगने पर चुनाव आयोग ने उसकी अस्थाई रिहाई पर सवाल उठाए हैं। उन पर आरोप है कि वह हरियाणा के चुनावों को प्रभावित करने के लिए जेल से पैरोल लेकर बाहर आते हैं।
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जेल से बाहर रहने का समय
राम रहीम को दो शिष्याओं के साथ बलात्कार के मामले में 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। 2017 से अब तक, वह 10 बार पैरोल या फरलो पर बाहर आ चुका है और कुल 255 दिन, यानी आठ महीने से अधिक, जेल से बाहर बिता चुका है। उसके पैरोल के समय की चुनावी स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं।
पैरोल का आवेदन और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
अधिकारियों के अनुसार, राम रहीम का 20 दिन का पैरोल आवेदन चुनाव आयोग को भेजा गया है, जिसने जेल विभाग से इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने पूछा है कि पैरोल पर बाहर आने का अनिवार्य कारण क्या है। 2019 में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को बताया था कि पैरोल केवल आपातकालीन मामलों में दी जानी चाहिए, और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि दोषी किसी चुनावी गतिविधि में शामिल न हो।
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प्रवक्ता का बयान
राम रहीम के प्रवक्ता ने कहा है कि उनका बाहर आना चुनाव के लिए नहीं है, बल्कि वे कानूनन पैरोल के हकदार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर पैरोल का समय पर उपयोग नहीं किया गया, तो यह समाप्त हो जाएगी। पिछली बार जब उन्हें पैरोल मिली थी, तो उसकी अर्जी भी कई दिन पहले दी गई थी।
इस प्रकार, राम रहीम की पैरोल मांग और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया ने एक बार फिर राजनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया है।