'दुकानों पर मालिकों के नाम लिखने का आदेश सही', कांवड़ विवाद पर सीएम योगी को मिला बाबा रामदेव का साथ

Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Jul, 2024 06:00 PM

ramdev said order to write names of owners shops was correct

उत्तराखंड में सोमवार से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस और प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। वहीं, योग गुरु रामदेव ने कांवड़ मार्ग पर स्थित होटल, रेस्तरां और ढाबा के बाहर मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने संबंधी आदेश को रविवार को...

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड में सोमवार से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस और प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। वहीं, योग गुरु रामदेव ने कांवड़ मार्ग पर स्थित होटल, रेस्तरां और ढाबा के बाहर मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने संबंधी आदेश को रविवार को सही ठहराते हुए कहा कि किसी को अपना परिचय देने में परेशानी नहीं होनी चाहिए। हरिद्वार में संवाददाताओं से मुखातिब रामदेव ने इस संबंध में पूछे जाने पर कहा कि अपने नाम पर तो सबको गर्व होता है और उसे छिपाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने सवाल किया, ''जब रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई दिक्कत नहीं है, तो रहमान को क्यों दिक्कत होनी चाहिए।''

नाम छिपाने की नहीं, अपना काम ईमानदारी के साथ करने की जरूरत

रामदेव ने कहा कि नाम छिपाने की नहीं, बल्कि अपना काम सच्चाई और ईमानदारी के साथ करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो बातें गढ़ी जा रही हैं, वे गलत हैं। योग गुरु ने कहा, ''यदि काम सच्चाई और ईमानदारी के साथ किया जाता है, तो फिर चाहे वह हिंदू हो या मुस्लिम या फिर किसी अन्य धर्म व वर्ग का हो, उसे अपने आप पर गर्व होना चाहिए।'' उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर खाने-पीने के सामान का व्यवसाय करने वाले होटल, रेस्तरां, ढाबा, रेहड़ी-ठेली वालों को साइनबोर्ड लगाकर मालिक का नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखने का आदेश दिया है।

विपक्षी दलों के विरोध के पीछे उनकी राजनीतिक मंशा

इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के विरोध के बारे में रामदेव ने कहा कि विरोध और समर्थन के पीछे उनकी राजनीतिक मंशा है और कुछ लोग तो 'देवतुल्य' प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी विरोध करते हैं, जो निंदनीय है। उन्होंने कहा, ''इस तरह की घृणा और नफरत का भाव, फिर चाहे वह देश के प्रधानमंत्री के लिए हो, हिंदुओं के लिए हो, या किसी और धर्म या जाति के लिए हो, किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है। यह भारत की सनातन संस्कृति या संस्कार नहीं है। भारत की संस्कृति अहिंसा, प्रेम, सहअस्तित्व, सामंजस्य और एकता पर आधारित है।''

कांवड़ मेले के प्रशासन ने कसी अपनी कमर

उधर, सोमवार से शुरू होने वाले कांवड़ मेले के मद्देनजर पुलिस और प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। अपर पुलिसमहानिदेशक एपी अंशुमन और गढ़वाल के पुलिस महानिरीक्षक करण सिंह नगन्याल ने कांवड़ मेले की तैयारियों का जायजा लिया। बाद में अधिकारियों ने बताया कि व्यवस्था के लिहाज से पूरे कांवड मेला क्षेत्र को 13 सुपर जोन, 31 जोन व 126 सेक्टर में विभाजित किया गया है। उन्होंने बताया कि मेला क्षेत्र में प्रदेश पुलिस के अलावा केंद्र से प्राप्त अर्द्धसैनिक बलों की आठ कंपनियों की तैनाती भी की जाएगी।

चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेंगे सीसीटीवी कैमरे 

साथ ही मेला क्षेत्र में खोजी कुत्तों की चार टीमें भी तैनात रहेंगी। अधिकारियों के मुताबिक, बम निरोधक दस्ते और घुड़सवार पुलिस भी मेला क्षेत्र में निगरानी करेगी। इसके अलावा, 22 ड्रोन कैमरों के जरिये आसमान से निगाह रखी जाएगी, जबकि चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरा भी नजर रखेंगे। हर वर्ष सावन के महीने में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा जैसे कई राज्यों से शिवभक्त कांवड़ लेकर गंगाजल भरने के लिए हरिद्वार और ऋषिकेश पहुंचते हैं।

 

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!