Edited By Pardeep,Updated: 31 Dec, 2024 06:07 AM
उत्तर प्रदेश सरकार के एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत योग गुरु स्वामी रामदेव ने राज्य के बहराइच जिले से हल्दी खरीदने का निर्णय लिया है और इस क्रम में शनिवार को जिले के तीन किसान उत्पाद संगठन (एफपीओ) के साथ पतंजलि योगपीठ ने समझौता ज्ञापन...
नेशनल डेस्कः उत्तर प्रदेश सरकार के एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत योग गुरु स्वामी रामदेव ने राज्य के बहराइच जिले से हल्दी खरीदने का निर्णय लिया है और इस क्रम में शनिवार को जिले के तीन किसान उत्पाद संगठन (एफपीओ) के साथ पतंजलि योगपीठ ने समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। सोमवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि करार के तहत योगगुरु स्वामी रामदेव हर साल बहराइच की 50 हजार टन हल्दी खरीदेंगे।
जिलाधिकारी (डीएम) मोनिका रानी ने सोमवार को मीडिया को बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओडीओपी योजना में हल्दी से बने उत्पादों के लिए बहराइच जिले का चयन हुआ था। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का ही नतीजा है कि योगगुरु स्वामी रामदेव बहराइच की हल्दी खरीदने के लिए आगे आए हैं। मोनिका रानी ने कहा कि बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य से जुड़ा मिहींपुरवा तहसील का इलाका प्राकृतिक संसाधनों, उपजाऊ भूमि और अनुकूल जलवायु से समृद्ध कृषि के लिये आदर्श स्थान है। इस क्षेत्र में हल्दी, जिमीकन्द और हरी सब्जियों की खेती बहुतायत मात्रा में होती है।
उन्होंने कहा कि यहां की हल्दी के औषधीय गुण अन्य स्थानों की अपेक्षा कहीं ज्यादा हैं और इनका उत्पादन एवं विपणन क्षेत्रीय किसान करते हैं लेकिन यहां के हजारों किसानों को इनकी उपज का वाजिब मूल्य नहीं मिल पाता। जिलाधिकारी ने कहा कि पंजाब, हरियाणा आदि प्रदेशों के व्यापारी यहां के किसानों से सस्ते मूल्य पर हल्दी खरीदकर आगे ऊंचे मूल्य पर बेचते हैं। उन्होंने कहा कि 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर प्रति वर्ष के हिसाब से लगभग 2,000 हेक्टेयर क्षेत्र में 45,000 से 50,000 टन हल्दी की बिक्री और विपणन के लिए शनिवार को रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसका लाभ जिले के किसानों को मिलेगा।
बहराइच की हल्दी का इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाओं में होने के साथ इसे यथाशीघ्र राष्ट्रीय तथा विश्वपटल पर पहचान मिलेगी। जिलाधिकारी ने बताया कि हल्दी का उत्पादन करने वाले किसानों को प्रशिक्षण दिलाने की बहराइच, लखनऊ तथा पतंजलि (हरिद्वार) में व्यवस्था की जा रही है, जिससे वह आयुर्वेद की आवश्यकतानुरूप हल्दी का बेहतर उत्पादन कर सकें।