Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Oct, 2024 09:49 AM
टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने अपनी वसीयत में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति में सौतेली बहनों शिरीन और डिएना जीजीभॉय के अलावा अपने कर्मचारियों और पालतू कुत्ते टीटो के लिए भी खास प्रावधान किए हैं।
नेशनल डेस्क: टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने अपनी वसीयत में कई महत्वपूर्ण प्रावधान किए हैं। उन्होंने अपनी संपत्ति में सौतेली बहनों शिरीन और डिएना जीजीभॉय के अलावा अपने कर्मचारियों और पालतू कुत्ते टीटो के लिए भी खास प्रावधान किए हैं।
टीटो की देखभाल
रतन टाटा की वसीयत में उनके पालतू जर्मन शेफर्ड कुत्ते टीटो का विशेष उल्लेख किया गया है। टीटो की देखभाल उनके पुराने रसोइए राजन शॉ करेंगे, जो टाटा के बेहद करीबी रहे हैं।
करीबी सहयोगियों का ध्यान
वसीयत में टाटा के बटलर सुब्बैया के लिए भी विशेष प्रावधान हैं, जिनके साथ उनका तीन दशकों से अधिक का घनिष्ठ संबंध रहा है।
शांतनु नायडू को क्या मिला?
रतन टाटा ने अपने एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट शांतनु नायडू के लिए वेंचर गुडफेलो में अपनी हिस्सेदारी छोड़ी है और उनके विदेश में शिक्षा के लिए लिए गए व्यक्तिगत ऋण को भी माफ कर दिया है।
चैरिटेबल ट्रस्ट का प्रावधान
टाटा संस में उनके शेयर रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को सौंप दिए जाएंगे, जो कि एक चैरिटेबल ट्रस्ट है।
संपत्ति का अनुमान
रतन टाटा अपने पीछे लगभग 10,000 करोड़ रुपए की संपत्ति छोड़ गए हैं, जिसमें अलीबाग में समुद्र तटीय बंगला, मुंबई में जुहू तारा रोड पर घर, सावधि जमा और टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 0.83 प्रतिशत हिस्सेदारी शामिल है।
यह वसीयत रतन टाटा की परोपकारिता और अपने करीबी लोगों के प्रति उनकी भावना को दर्शाती है।