Edited By Anu Malhotra,Updated: 11 Oct, 2024 09:33 AM
टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा, जिन्होंने दो दशकों से भी अधिक समय तक कंपनी का नेतृत्व किया, का बुधवार रात 11:30 बजे दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। 86 वर्षीय पद्म विभूषण सम्मानित रतन टाटा पिछले कुछ दिनों से ICU में भर्ती थे।...
नेशनल डेस्क: टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा, जिन्होंने दो दशकों से भी अधिक समय तक कंपनी का नेतृत्व किया, का बुधवार रात 11:30 बजे दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया। 86 वर्षीय पद्म विभूषण सम्मानित रतन टाटा पिछले कुछ दिनों से ICU में भर्ती थे। उनके निधन के बाद उद्योग जगत में टाटा समूह के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, लेकिन कंपनी में उत्तराधिकार की स्पष्ट योजना पहले से ही स्थापित है, जिससे टाटा समूह की स्थिरता बनी रहेगी।
रतन टाटा, जिनका सरल व्यक्तित्व और ईमानदार छवि उन्हें कॉर्पोरेट जगत में एक संत के रूप में प्रतिष्ठित करती थी। रतन टाटा ने कभी शादी नहीं की और सादगी से अपना जीवन बिताया। उनके निधन के बाद अब अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनके सौतेले भाई, नोएल टाटा, टाटा समूह की जिम्मेदारी संभाल सकते हैं।
कौन हो सकता है उत्तराधिकारी?
वर्तमान में, एन. चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन हैं और 2017 से इस पद पर कार्यरत हैं। हालांकि, परिवार के अन्य सदस्यों को भविष्य की नेतृत्व भूमिकाओं के संभावित उम्मीदवारों के रूप में देखा जा रहा है। संभावित उत्तराधिकारियों में रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा प्रमुख दावेदार हैं, जो टाटा समूह में विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं।
संभावित दावेदार:
नोएल टाटा: रतन टाटा के सौतेले भाई, जिनके तीन बच्चे माया, नेविल और लिआ टाटा भी संभावित उत्तराधिकारी माने जा रहे हैं।
माया टाटा: 34 वर्षीय माया बेयस बिज़नेस स्कूल और यूनिवर्सिटी ऑफ़ वारविक से स्नातक हैं और टाटा ऑपर्च्युनिटीज फंड और टाटा डिजिटल में महत्वपूर्ण पदों पर कार्यरत रही हैं।
नेविल टाटा: 32 वर्षीय नेविल टाटा, जो ट्रेंट लिमिटेड के तहत स्टार बाजार का नेतृत्व कर रहे हैं, सक्रिय रूप से समूह में नेतृत्व के लिए तैयार माने जाते हैं।
लिआ टाटा: 39 वर्षीय लिआ टाटा समूह के आतिथ्य क्षेत्र में काम करती हैं और ताज होटलों के सुचारू संचालन में उनकी अहम भूमिका रही है।
टाटा समूह की संपत्ति का मार्केट वैल्यूएशन 400 अरब डॉलर (33.7 लाख करोड़ रुपये) आंका जाता है, जो पाकिस्तान की GDP से अधिक है।