Edited By Parveen Kumar,Updated: 15 Dec, 2023 08:55 PM
भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) ने नई दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों और ईसी आरएटीएस एससीओ के प्रतिनिधियों के लिए "आतंकवादी, अलगाववादी और उग्रवादी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट और नई सूचना प्रौद्योगिकियों के...
नेशनल डेस्क (रघुनंदन पराशर) : भारत सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) ने नई दिल्ली में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों और ईसी आरएटीएस एससीओ के प्रतिनिधियों के लिए "आतंकवादी, अलगाववादी और उग्रवादी उद्देश्यों के लिए इंटरनेट और नई सूचना प्रौद्योगिकियों के दुरुपयोग का मुकाबला करना" विषय पर व्यावहारिक संगोष्ठी का आयोजन किया। यह व्यावहारिक संगोष्ठी, एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी संरचना (आरएटीएस) के फ्रेमवर्क के तहत 2019 में शुरू की गई भारत की पहलों में से एक है।
एससीओ आरएटीएस के सदस्य देशों में - भारत गणराज्य, ईरान इस्लामिक गणराज्य, कजाकिस्तान गणराज्य, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, किर्गिज़ गणराज्य, पाकिस्तान इस्लामिक गणराज्य, रूसी संघ, ताजिकिस्तान गणराज्य और उज़्बेकिस्तान गणराज्य शामिल हैं।यह व्यावहारिक संगोष्ठी का चौथा संस्करण है, जिसे आतंकवादियों, अलगाववादियों और उग्रवादियों (टीएस और ई) द्वारा इंटरनेट के दुरुपयोग से संबंधित मुद्दों की जांच और विचार-विमर्श पर विशेष ध्यान देने के लिए डिजाइन किया गया है।
संगोष्ठी में एससीओ के सदस्य देशों ने विभिन्न प्रस्तुतियाँ दीं। इन प्रस्तुतियों ने एआई, डार्क वेब और नियामक चुनौतियां, क्रिप्टोकरेंसी और उभरती प्रौद्योगिकियां, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की भूमिकाओं पर चर्चा का जरिये इंटरनेट के दुरुपयोग का मुकाबला करना और कानून प्रवर्तन क्षमताओं को बढ़ाना आदि विषयों पर बहुआयामी परिप्रेक्ष्य प्रदान किया।एससीओ आरएटीएस सदस्य देशों ने आतंकवादियों, अलगाववादियों और उग्रवादियों द्वारा इंटरनेट के दुरुपयोग और साइबर सुरक्षा से संबंधित मुद्दों का मुकाबला करने के लिए एक-दूसरे के बीच सहयोग को विस्तार देने में गहरी रुचि दिखाई।