Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Mar, 2025 11:58 AM

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 मई 2025 से एटीएम से नकद निकासी पर शुल्क बढ़ाने की मंजूरी दी है। इस बदलाव से ग्राहकों को एटीएम से पैसे निकालने पर अधिक शुल्क देना होगा, जिससे उनकी बैंकिंग लागत बढ़ सकती है। 1 मई 2025 से, अगर आप किसी दूसरे बैंक के एटीएम...
नेशनल डेस्क: अगर आप अक्सर एटीएम से पैसे निकालने जाते हैं, तो 1 मई 2025 से आपके वॉलेट पर थोड़ा अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 1 मई 2025 से एटीएम से नकद निकासी पर शुल्क बढ़ाने की मंजूरी दी है। इस बदलाव से ग्राहकों को एटीएम से पैसे निकालने पर अधिक शुल्क देना होगा, जिससे उनकी बैंकिंग लागत बढ़ सकती है। 1 मई 2025 से, अगर आप किसी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसे निकालते हैं या बैलेंस चेक करते हैं, तो आपको पहले से ज्यादा चार्ज देना होगा। पहले, महीने में कुछ लेन-देन मुफ्त मिलते थे, उसके बाद 17 रुपये का शुल्क लगता था, लेकिन अब यह बढ़कर 19 रुपये हो जाएगा, यानी आपको 2 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे।
क्या बदलेगा? 1 मई 2025 से, एटीएम ट्रांजैक्शंस पर शुल्क में बढ़ोतरी होगी:
यह शुल्क तब लागू होगा जब आप अपने बैंक के एटीएम से बाहर, अन्य बैंक के एटीएम से लेन-देन करेंगे और आपकी फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट खत्म हो जाएगी। मेट्रो शहरों में यह लिमिट 5 ट्रांजैक्शंस और नॉन-मेट्रो शहरों में 3 ट्रांजैक्शंस तक होती है।
क्यों हो रहा है यह बदलाव? यह वृद्धि NPCI National Payments Corporation of India) के प्रस्ताव के आधार पर हुई है, जिसे RBI ने मंजूरी दी है। व्हाइट-लेबल एटीएम ऑपरेटरों ने बढ़े हुए शुल्क की मांग की थी, क्योंकि पुराने शुल्क का भुगतान करना उनके लिए मुश्किल हो रहा था, खासकर बढ़ती ऑपरेशनल लागत के कारण।
किसे पड़ेगा असर? छोटे बैंकों पर ज्यादा दबाव पड़ सकता है, क्योंकि उनके पास सीमित एटीएम इंफ्रास्ट्रक्चर है और वे अन्य बैंकों के एटीएम नेटवर्क पर ज्यादा निर्भर होते हैं। ऐसे में यह बढ़ा हुआ शुल्क सीधे ग्राहकों पर प्रभाव डालेगा। इस बढ़ोतरी के बाद, एटीएम का बार-बार इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए यह बेहतर होगा कि वे अपने बैंक के एटीएम का ही इस्तेमाल करें या डिजिटल पेमेंट्स के माध्यम से अतिरिक्त शुल्क से बचें।