Edited By rajesh kumar,Updated: 14 Feb, 2025 01:07 PM
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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank) पर कई पाबंदियां लगा दी हैं, जिनका सीधा असर बैंक के ग्राहकों पर पड़ेगा। अब बैंक अपने ग्राहकों के पैसे नहीं निकाल पाएगा, और न ही कोई नए लोन दे सकेगा। ये...
नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक (New India Co-operative Bank) पर कई पाबंदियां लगा दी हैं, जिनका सीधा असर बैंक के ग्राहकों पर पड़ेगा। अब बैंक अपने ग्राहकों के पैसे नहीं निकाल पाएगा, और न ही कोई नए लोन दे सकेगा। ये पाबंदियां 13 फरवरी 2025 से अगले छह महीने तक लागू रहेंगी।
आरबीआई के बैन का असर
आरबीआई के निर्देश के बाद न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक अब न तो कोई लोन दे सकेगा और न ही नए डिपॉजिट ले सकेगा। इसके अलावा, बैंक के ग्राहकों को अपनी जमा राशि भी नहीं निकालने दी जाएगी। हालांकि, आरबीआई इस दौरान बैंक के कामकाज की जांच करेगा, और अगर स्थिति में सुधार होता है तो बैन के बाद राहत भी दी जा सकती है।
आरबीआई ने क्यों लगाया बैन?
आरबीआई ने यह कदम बैंक के कामकाज में गंभीर खामियों के कारण उठाया है। इसका मुख्य उद्देश्य जमाकर्ताओं के पैसे की सुरक्षा करना है। आरबीआई ने साफ कहा कि 13 फरवरी, 2025 से बैंक न तो नया लोन देगा और न ही पुराने लोन को रिन्यू करेगा, जब तक कि उसे अनुमति नहीं दी जाती।
क्या होगा ग्राहकों का?
आरबीआई के निर्देश के अनुसार, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहक अब अपने जमा पैसे नहीं निकाल पाएंगे। लेकिन अगर आरबीआई जांच के बाद बैंक को कोई राहत देता है, तो ग्राहक अपना पैसा निकाल सकेंगे। अगर बैंक पर कोई राहत नहीं मिलती है, तो ग्राहकों को अपनी जमा राशि पर 5 लाख रुपये तक का बीमा क्लेम मिल सकता है।
यह क्लेम डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से मिलेगा, जो जमाकर्ताओं की सुरक्षा के लिए एक सरकारी संस्था है। इस प्रकार, बैंक पर लगाए गए प्रतिबंध का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों के हितों की सुरक्षा करना है, ताकि उनका पैसा सुरक्षित रहे।