Edited By Rohini Oberoi,Updated: 27 Mar, 2025 02:49 PM

विमान किराए में बढ़ोतरी और एयरलाइंस की मनमानी पर नियंत्रण पाने के लिए संसद की स्थायी समिति ने कई अहम सिफारिशें की हैं। उड्डयन मामलों से जुड़ी इस समिति का कहना है कि मौजूदा उपायों खासकर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के प्रयास इस समस्या को ठीक से...
नेशनल डेस्क। विमान किराए में बढ़ोतरी और एयरलाइंस की मनमानी पर नियंत्रण पाने के लिए संसद की स्थायी समिति ने कई अहम सिफारिशें की हैं। उड्डयन मामलों से जुड़ी इस समिति का कहना है कि मौजूदा उपायों खासकर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के प्रयास इस समस्या को ठीक से नहीं संभाल पा रहे हैं।
समिति ने यह भी उल्लेख किया कि कुछ मामलों में जैसे महाकुंभ के दौरान दिल्ली-मुंबई से प्रयागराज जाने वाली फ्लाइट का किराया 50,000 रुपये से ज्यादा बढ़ गया था। इसी तरह त्योहारों के समय भी किराए में अप्रत्याशित बढ़ोतरी देखी जाती है। समिति का मानना है कि ये वृद्धि पारदर्शी नहीं होती और इस पर सख्त नियंत्रण होना चाहिए।
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समिति ने सरकार से मांग की है कि एक एआई आधारित एयर प्राइस गार्जियन का गठन किया जाए जो मांग और आपूर्ति के आधार पर किराए में पारदर्शिता सुनिश्चित कर सके। इसके साथ ही एक मूल्य निर्धारण पारदर्शिता सूचकांक भी तैयार करने की सिफारिश की गई है जो एयरलाइंस को उनके निष्पक्ष मूल्य निर्धारण मानकों के आधार पर रेटिंग दे सके।
वहीं समिति ने इन सिफारिशों को लागू करने के लिए डेढ़ से दो साल का समय निर्धारित किया है। पहले चरण में ज्यादा ट्रैफिक वाले रूटों पर इसका ध्यान केंद्रित किया जाएगा और फिर 2026 तक यह व्यवस्था पूरे देश में लागू की जाएगी।