Edited By Tanuja,Updated: 04 Nov, 2024 11:26 AM
हाल ही में ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर के बाहर एक विरोध प्रदर्शन में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। पील रीजनल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। यह घटना रविवार दोपहर की है...
International Desk: हाल ही में ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर के बाहर एक विरोध प्रदर्शन में हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। पील रीजनल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। यह घटना रविवार दोपहर की है। पुलिस के अनुसार, ब्रैम्पटन के शहर के उत्तर-पूर्वी हिस्से में एक विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई। सोशल मीडिया पर वीडियो और रिपोर्ट के अनुसार, वहां पर कुछ लोग खालिस्तान के समर्थन में बैनर लेकर मौजूद थे, जबकि दूसरी ओर कुछ लोग भारत के राष्ट्रीय ध्वज के साथ थे। वीडियो में दिख रहा है कि लोगों के बीच हाथापाई हो रही है, जहां कुछ लोग लाठियों से एक-दूसरे पर वार कर रहे हैं।
कनाडाई टिप्पणीकार डेनियल बोरडमैन ने लिखा कि रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने दीवाली के दिन एक मंदिर में क्तों को परेशान कर रहे खालिस्तान समर्थकों को रोकने के बजाय हिंदुओं पर हमला किया । सोमवार को कनाडा के लक्ष्मीनारायण मंदिर में भी इसी तरह की घटना हुई। हिंदू फोरम कनाडा के डॉ. राव ने कहा कि वह उस समय मंदिर में मौजूद थे जब यह घटना हुई। भारतीय उच्चायोग ने एक बयान जारी करते हुए इन घटनाओं पर कड़ा विरोध जताया है। भारतीय उच्चायोग ने कहा कि यह प्रदर्शन उन लोगों के लिए आयोजित एक नियमित कौंसुलर शिविर को बाधित करने के लिए किया गया जो भारतीय नागरिक हैं।
यह शिविर मंदिर के सहयोग से आयोजित किया गया था और इससे जगजाहिर है कि प्रदर्शनकारी किस तरह से संयोजन में व्यवधान डालने की कोशिश कर रहे थे। पील पुलिस ने एक बयान में कहा, “हम व्यक्तिगत रूप से प्रदर्शन करने के अधिकार का सम्मान करते हैं जैसा कि कनाडाई चार्टर ऑफ़ राइट्स और फ़्रीडम्स में उल्लिखित है, लेकिन हमारी ज़िम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि सार्वजनिक व्यवस्था और सभी की सुरक्षा बनी रहे।” कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने सोमवार को भक्तों पर हमले की निंदा की और पील क्षेत्रीय पुलिस का धन्यवाद किया कि उन्होंने समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस घटना की जांच करने में तेजी दिखाई।पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे शांतिपूर्ण और वैध तरीके से प्रदर्शन करने में सहमति प्रदान करें, ताकि ऐसी स्थितियों से बचा जा सके। इस घटना की निंदा करते हुए कई राजनीतिक नेताओं ने इसे शर्मनाक बताया है, और उन्होंने सभी समुदायों से एकजुट रहने का आह्वान किया है।
ब्रैम्पटन में खालिस्तानी समर्थकों का हिंदू भक्तों पर हमले 10 प्रमुख तथ्य
- रविवार को कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर के पास खालिस्तानी समर्थकों द्वारा एक प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई। भक्तों पर हमले की खबरें मिली हैं।
- घटना के बाद, पुलिस ने हिंदू सभा मंदिर के आस-पास सुरक्षा बढ़ा दी।
- हिंदू कैनेडियन फाउंडेशन (HCF) ने हमले का एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, "हिंदू सभा मंदिर पर खालिस्तानी आतंकियों का हमला हो रहा है। बच्चे, महिलाएं और पुरुष हमला के शिकार हो रहे हैं। यह सब खालिस्तान समर्थक राजनेताओं के समर्थन में हो रहा है।"
- वीडियो में देखा गया कि कुछ पुरुष लकड़ियों के साथ भक्तों पर हमला कर रहे हैं। प्रारंभ में खालिस्तानी समर्थकों ने 1984 के सिख दंगों की स्मृति में प्रदर्शन किया था।
- कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने सोमवार को भक्तों पर हमले की निंदा की और पील क्षेत्रीय पुलिस का धन्यवाद किया कि उन्होंने समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने और इस घटना की जांच करने में तेजी दिखाई।
- पील क्षेत्रीय पुलिस के प्रमुख निशान दुरैप्पा ने संयम की अपील की और कहा कि जो लोग इस तरह की हिंसक गतिविधियों में शामिल होंगे, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और चार्ज किया जाएगा।
- सोमवार को कनाडा के लक्ष्मीनारायण मंदिर में भी इसी तरह की घटना हुई। हिंदू फोरम कनाडा के डॉ. राव ने कहा कि वह उस समय मंदिर में मौजूद थे जब यह घटना हुई।
- डॉ. राव ने आरोप लगाया कि पुलिस पूरी तरह से पक्षपाती थी और उन्होंने तीन भक्तों पर हमला किया, जबकि उन भक्तों ने पहले कोई हिंसा नहीं की थी। उनका कहना था कि यह देखना दुखद था कि पुलिस निर्दोष लोगों को बुरी तरह से पीट रही थी।
- भारतीय उच्चायोग ने कनाडा के ब्रैम्पटन में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद गहरी निराशा व्यक्त की है। यह घटना हिंदू सभा मंदिर के पास हुई, जहां भक्तों पर खालिस्तानी चरमपंथियों ने हमला किया।
- इन घटनाओं की श्रृंखला उस समय आई है जब नई दिल्ली और ओटावा के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत ने खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कनाडा की कई मांगों को खारिज करने के बाद अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया है।
भारतीय उच्चायोग ने इस स्थिति को लेकर कनाडाई अधिकारियों से सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का अनुरोध किया था। बयान में कहा गया, "हमने आज (3 नवंबर) देखी गई हिंसक व्यवधान के बारे में उनसे अनुरोध किया था कि वे उथल-पुथल की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ाएं। उच्चायोग ने इस तरह की घटनाओं के रोकथाम के लिए कनाडाई अधिकारियों से सहयोग की अपील की है, ताकि भारतीय नागरिक अपनी जरूरत की सेवाएं सुरक्षित और प्रभावी रूप से प्राप्त कर सकें।