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महाकुंभ में मची भगदड़ में लापता हुए अपनों की तलाश में रोते परिजन, बताया कैसे हुआ हादसा

Edited By Mahima,Updated: 29 Jan, 2025 10:34 AM

relatives crying in search of their loved ones who went missing in the stampede

महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान मची भगदड़ में 50-60 लोग दब गए, कई लोग घायल हुए और कई लोग लापता हो गए। इस हादसे में परिजन अपने खोए हुए अपनों की तलाश में भटक रहे हैं। घटनास्थल पर लाशें पड़ी मिलीं, और प्रशासन की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक...

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के मौनी अमावस्या स्नान के दौरान मची भगदड़ ने कई परिवारों की जिंदगी को हिला दिया। इस भगदड़ में 50 से 60 लोग दब गए और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना में कई श्रद्धालु लापता हो गए, और उनके परिजन उन्हें ढूंढते हुए इधर-उधर भटक रहे हैं। घटना के समय वहां मौजूद लोग अफरातफरी में थे और लोगों ने बताया कि अचानक इतनी बड़ी भीड़ बढ़ गई कि लोगों को संभालना मुश्किल हो गया, जिससे भगदड़ मच गई। 

कोलकाता से महाकुंभ में स्नान करने आई एक महिला ने अपनी आंखों देखी कहानी साझा की। महिला ने बताया कि वह अपने चार साथियों के साथ स्नान के लिए आई थी, लेकिन अचानक मची भगदड़ में वे सभी अलग हो गए और अब उन्हें बताया गया कि उनके साथ आए सभी लोग अब मृत हो चुके हैं। महिला का कहना है कि भगदड़ के दौरान वे भीड़ में दब गई थीं और जैसे-जैसे लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते गए, हालात खराब हो गए। महिला ने रोते हुए बताया कि अब वह अकेली रह गई हैं और उन्हें अपने खोए हुए लोगों का कोई सुराग नहीं मिल रहा है।

एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि वह अपने माता-पिता और बच्चों के साथ महाकुंभ स्नान करने आया था। जैसे ही भीड़ बढ़ी, भगदड़ मच गई और उनके माता-पिता तथा बच्चे भी दब गए। उसने बताया कि पहले वह किसी तरह से भीड़ से निकला और फिर एक-एक कर अपने बच्चों और पिता को निकाला, लेकिन उसकी मां काफी नीचे दब गई थी। बाद में उसने अपनी मां को भी बाहर निकाला, लेकिन उनकी हालत बहुत खराब थी। इस व्यक्ति ने बताया कि अचानक इतनी बड़ी भीड़ का बढ़ना और एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने से भगदड़ मची, जिससे स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। उसने कहा कि इस भगदड़ में 50 से 60 लोग दब गए हैं और कई लोगों की मौत हो गई।

चित्रकूट से आए एक श्रद्धालु इंद्रपाल ने बताया कि वह अपने बहनोई चंद्रपाल के साथ महाकुंभ स्नान के लिए आए थे। उन्हें संगम के तट पर पहुंचने से पहले ही प्रशासन ने रोक लिया और फिर धक्का-मुक्की शुरू हो गई। कुछ ही देर में भगदड़ मच गई और वह अपने बहनोई से बिछड़ गए। इंद्रपाल ने बताया कि जब वह घटनास्थल पर लौटे तो वहां लाशें पड़ी हुई थीं, उनके आसपास कपड़े और बैग scattered थे, लेकिन उनके बहनोई का कोई पता नहीं चला। उन्होंने अस्पताल और मर्चुरी तक जाकर उन्हें तलाश किया, लेकिन उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई। इंद्रपाल का कहना है कि वह अब बहुत परेशान हैं और प्रशासन से अपनी मदद की उम्मीद लगाए हुए हैं।

महाकुंभ मेला प्रशासन की तरफ से इस घटना पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। एबीपी न्यूज़ द्वारा चश्मदीदों की बातों को सुना गया है, लेकिन प्रशासन ने इस मामले की पुष्टि या कोई जानकारी साझा नहीं की है। इस बीच, श्रद्धालु और उनके परिजन एक-दूसरे को ढूंढने के लिए परेशान हैं, और उन्हें मदद की उम्मीद है। यह घटना महाकुंभ के आयोजन में सुरक्षा और प्रबंधन की कमी को लेकर सवाल खड़े करती है, क्योंकि एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जुटना और उसकी वजह से मची भगदड़ ने कई परिवारों को दुखों से भर दिया। 
 

 

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