'जब पोते को देखता हूं तो मुझे अपने बेटे हुमायूं की याद आती है', शहीद जवान को याद कर पिता के छलक पड़े आंसू

Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Jun, 2024 07:33 PM

remembering the martyred soldier the father s tears welled up

जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर, 2023 को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में बहादुर पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट शहीद हो गए थे। आखिरी सांस लेते वक्त भी हुमायूं द्वारा अपने पिता से कहे गए आखिरी शब्द शांत और आश्वस्त करने वाले थे, जो...

नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर, 2023 को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़ में बहादुर पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट शहीद हो गए थे। आखिरी सांस लेते वक्त भी हुमायूं द्वारा अपने पिता से कहे गए आखिरी शब्द शांत और आश्वस्त करने वाले थे, जो आज भी उनके कानों में गूंजते हैं।

हुमायूं ने अपने पिता एवं जम्मू-कश्मीर पुलिस के सेवानिवृत्त महानिरीक्षक गुलाम हसन भट से फोन पर कहा था, ‘‘मुझे गोली लगी है... कृपया घबराएं नहीं।'' यह काला दिन पिछले साल 13 सितंबर का था। हुमायूं ने दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग से अपने पिता को फोन किया था और केवल 13 सेकंड तक बात की थी। उस समय आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ चल रही थी, जिसमें चार सुरक्षाकर्मी मारे गए थे।
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पोते को देखते ही मुझे अपने बेटे की याद आती है- पिता 
आज अपने पोते अशहर के पहले जन्मदिन से एक महीने पहले गुलाम भट को अपने बेटे की याद आ रही है, जो बहुत जल्द ही उन्हें छोड़कर चले गए। जब वह अपने पोते को देखते हैं तो उन्हें अपने बेटे की ये यादें और भी मजबूत महसूस कराती हैं। नन्हा बच्चा कभी भी अपने पिता के बारे में ज्यादा कुछ नहीं जान पाएगा। गुलाम हसन भट ने कहा, ''जब मैं अशहर को घुटने के बल चलते हुए देखता हूं तो मुझे अपने बेटे हुमायूं की याद आती है। काश हुमायूं लंबे समय तक हमारे बीच रह पाता। अगले महीने अशहर का पहला जन्मदिन है। यह दुर्भाग्य की बात है कि मेरा बेटा इतना भी नहीं जी पाया कि वह यह दिन भी देख सके।''
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पापा मुझे गोली लगी है- जानिए पिता से हुई आखिरी फोन कॉल
शहीद हुमायूं भट के पिता ने पुलिस विभाग में 34 साल तक सेवाएं दी। उन्होंने अपने बेटे से आखिरी बार फोन पर की गई बात के बारे में विस्तार से बताया, जो हमेशा उनकी याद में रहेगा। पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट ने 13 सितंबर को सुबह करीब 11 बजकर 48 मिनट पर अपने पिता को आखिरी बार फोन किया था। हुमायूं ने कहा, ''पापा मुझे गोली लगी है। मेरे पेट में गोली लगी है और फिर कुछ देर रुकने के बाद उन्होंने कहा, ''कृपया घबराएं नहीं।'' इसके बाद फोन कट गया, लेकिन अपने बेटे से हुई इस 13 सेकेंड की बात से वह घबरा गए।
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वे मेरे जीवन के सबसे कठिन क्षण थे
उन्होंने कहा, ''यह कहना जितना आसान है, करना उतना ही मुश्किल है। मुझे लगता है कि वे मेरे जीवन के सबसे कठिन क्षण थे क्योंकि मुझे तब तक पता नहीं था कि क्या हो रहा है, जब तक मैं श्रीनगर में सेना के 92 बेस अस्पताल में अपने घायल बेटे का इंतजार नहीं करने लगा।'' गुलाम भट ने कहा, "किसी तरह मुझे पता था कि मेरे लिए क्या होने वाला है, लेकिन मैं अपनी उम्मीद के विपरीत सोच रहा था कि शायद मैं अपने हुमायूं को बात करते हुए देख पाऊंगा।" उन्होंने कहा कि अपने बेटे को खोने के गहरे दुख के बावजूद उसके साहस और नि:स्वार्थता से मुझे सांत्वना मिलती है, जिसने देश के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। 

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