Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 25 Jan, 2025 06:08 PM
गणतंत्र दिवस एक ऐसा पर्व है, जब भारत का संविधान लागू हुआ और देश एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ। हर साल 26 जनवरी को यह दिन मनाया जाता है और पूरे देश में इसे राष्ट्रीय ध्वजारोहण, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है।
नेशनल डेस्क: गणतंत्र दिवस एक ऐसा पर्व है, जब भारत का संविधान लागू हुआ और देश एक लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में स्थापित हुआ। हर साल 26 जनवरी को यह दिन मनाया जाता है और पूरे देश में इसे राष्ट्रीय ध्वजारोहण, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ मनाया जाता है। लेकिन, इस साल एक सवाल कई लोगों के मन में उठ रहा है, क्या 2025 में भारत 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है या 77वां? इस लेख में हम इस भ्रम को स्पष्ट करेंगे और गणतंत्र दिवस की सही गिनती के बारे में जानेंगे।
गणतंत्र दिवस की गिनती कैसे की जाती है?
गणतंत्र दिवस मनाने की शुरुआत 26 जनवरी 1950 से हुई थी, जब भारतीय संविधान लागू हुआ और भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना। इसलिए, गणतंत्र दिवस की गिनती उस तारीख से शुरू होती है। इसका मतलब है कि 1950 में मनाया गया पहला गणतंत्र दिवस पहले साल के तौर पर गिना जाता है। इसी तरह 1951 में दूसरा गणतंत्र दिवस, 1952 में तीसरा गणतंत्र दिवस और इसी क्रम में हर साल गणतंत्र दिवस मनाया गया। 2025 में जब हम गणतंत्र दिवस मनाएंगे तो यह भारत के गणराज्य के लिए 76वां वर्ष होगा। क्योंकि भारत ने 75 वर्षों का लोकतांत्रिक गणराज्य होने का सफर पूरा कर लिया है और साल 2025 में वह 76वें वर्ष में प्रवेश करेगा।
भ्रम क्यों होता है?
कई लोगों को यह भ्रम होता है कि गणतंत्र दिवस की गिनती उस साल से की जानी चाहिए, जिसमें देश ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी, यानी साल 1947 से। लेकिन यह तरीका गलत है क्योंकि गणतंत्र दिवस का असल उद्देश्य भारतीय संविधान की स्वीकृति और लागू होने के बाद की तारीख से शुरू होता है। इसी कारण कुछ लोग गणतंत्र दिवस की गिनती में एक साल ज्यादा जोड़ देते हैं और यही भ्रम पैदा करता है।
गणतंत्र दिवस 2025 की थीम और मुख्य अतिथि
हर साल गणतंत्र दिवस के समारोह में एक खास थीम होती है, जो देश की सांस्कृतिक धरोहर और विकास को दर्शाती है। इस साल 2025 की थीम है: "स्वर्णिम भारत-विरासत और विकास"। यह थीम भारत की जीवंत सांस्कृतिक विरासत और इसके निरंतर विकास की यात्रा पर जोर देती है।
गणतंत्र दिवस के खास अवसर पर हर साल एक मुख्य अतिथि भी होते हैं, जो समारोह में शामिल होते हैं। इस साल के मुख्य अतिथि होंगे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो। उनका स्वागत और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए यह आयोजन महत्वपूर्ण होगा।
गणतंत्र दिवस का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
गणतंत्र दिवस के दिन को लेकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का लंबा इतिहास जुड़ा हुआ है। दरअसल, कांग्रेस पार्टी ने 19 दिसंबर 1929 को लाहौर अधिवेशन में पूर्ण स्वराज प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें भारत की स्वतंत्रता की मांग की गई थी। इस प्रस्ताव के अनुसार, 26 जनवरी को भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।
इसी तारीख को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 1930 से लेकर 1947 तक स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया। हालांकि, 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली, लेकिन इस दिन का महत्व बरकरार रहा। 1950 में भारतीय संविधान के लागू होने के बाद इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हुई, जो आज तक जारी है।
गणतंत्र दिवस की परेड
गणतंत्र दिवस परेड देश की सांस्कृतिक विविधताओं और सैन्य शक्ति का प्रतीक होती है। यह परेड नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित होती है और इसमें भारतीय सेना, जल सेना, वायु सेना और पुलिस बलों के शौर्य और साहस को प्रदर्शित किया जाता है। इसके अलावा, राज्य और क्षेत्रीय प्रदर्शन भी होते हैं, जिनमें विभिन्न राज्यों की सांस्कृतिक धरोहर की झलकियां होती हैं।
क्या बदलते हैं गणतंत्र दिवस के उत्सव?
हर साल गणतंत्र दिवस के समारोह में कुछ नई विशेषताएं जोड़ी जाती हैं, ताकि यह उत्सव और भी दिलचस्प बने। इस साल भी हम कुछ नई गतिविधियों और आकर्षणों की उम्मीद कर सकते हैं। परेड के दौरान हमारे राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को बनाए रखते हुए नए तकनीकी और सांस्कृतिक आयामों को पेश किया जाएगा।
गणतंत्र दिवस भारत के लोकतांत्रिक गणराज्य के उद्घाटन का दिन है, और यह वर्ष 1950 से ही मनाया जा रहा है। 2025 में भारत 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा, क्योंकि वह 75 साल के लोकतांत्रिक गणराज्य के सफर के बाद 76वें वर्ष में प्रवेश करेगा। हालांकि गणतंत्र दिवस की गिनती को लेकर कुछ भ्रम जरूर है, लेकिन यह समझना जरूरी है कि गणतंत्र दिवस 1950 से गिना जाता है, न कि स्वतंत्रता प्राप्ति के वर्ष 1947 से। इस बार गणतंत्र दिवस का उत्सव पूरी दुनिया को भारत की सांस्कृतिक विरासत और विकास की यात्रा को एक नए दृष्टिकोण से देखने का मौका देगा।republic day 2025, 76th republic day,