Edited By Anu Malhotra,Updated: 30 Oct, 2024 12:07 PM
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल के महीनों में अपने सोने के भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि की है। अप्रैल से सितंबर 2024 के दौरान RBI ने अपने घरेलू भंडार में 102 टन सोना जोड़ा, जिससे 30 सितंबर 2024 तक इसका कुल स्थानीय भंडार 510.46 टन हो गया। 31 मार्च 2024...
मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल के महीनों में अपने सोने के भंडार में उल्लेखनीय वृद्धि की है। अप्रैल से सितंबर 2024 के दौरान RBI ने अपने घरेलू भंडार में 102 टन सोना जोड़ा, जिससे 30 सितंबर 2024 तक इसका कुल स्थानीय भंडार 510.46 टन हो गया। 31 मार्च 2024 तक यह भंडार 408 टन था। विदेशी मुद्रा भंडार पर जारी छमाही रिपोर्ट में बताया गया है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में आरबीआई ने अपने कुल भंडार में 32 टन सोने की बढ़ोतरी की, जिससे यह 854.73 टन तक पहुंच गया।
भारत पिछले कुछ वर्षों में अपने गोल्ड रिजर्व को धीरे-धीरे विदेश से घरेलू तिजोरियों में स्थानांतरित कर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भी भारत ने ब्रिटेन से 100 टन से अधिक सोना देश के भीतर लाकर रखा, जो 1991 के बाद का सबसे बड़ा गोल्ड ट्रांसफर माना जा रहा है। यह निर्णय, अस्थिर वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और आपात स्थितियों के लिए देश को तैयार करने के उद्देश्य से लिया गया है।
1991 में सोना गिरवी रखने का इतिहास
1991 के विदेशी मुद्रा संकट के दौरान भारत को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए बड़े पैमाने पर स्वर्ण भंडार गिरवी रखना पड़ा था। उस समय, RBI ने 324.01 टन सोना बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (BIS) के पास सुरक्षित रखा था, और 20.26 टन स्वर्ण जमा के रूप में था।
अस्थिरता में सोने की बढ़ती मांग
जियोपॉलिटिकल तनाव और वैश्विक अस्थिरता के बीच, सोना दुनिया भर में निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित निवेश माना जा रहा है। इसी कारण सभी देशों के केंद्रीय बैंक अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ा रहे हैं ताकि आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।