Edited By Anu Malhotra,Updated: 13 Nov, 2024 09:27 AM
भारत में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.2% पर पहुंच गई, जो सितंबर में 5.5% थी। यह वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा मौद्रिक नीतियों में ढील देने की संभावना को और टाल सकती है, जबकि अर्थव्यवस्था में...
नई दिल्ली: भारत में खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में अप्रत्याशित रूप से बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.2% पर पहुंच गई, जो सितंबर में 5.5% थी। यह वृद्धि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा मौद्रिक नीतियों में ढील देने की संभावना को और टाल सकती है, जबकि अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत दिख रहे हैं।
महंगाई में इस उछाल का मुख्य कारण सब्जियों, फलों और खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतें हैं। यह दर केंद्रीय बैंक के 4% के लक्ष्य और 2% के सहनशीलता बैंड से बाहर हो गई है, जो अगस्त 2023 के बाद पहली बार हुआ है। महंगाई की यह ऊंची दर गिरते हुए शेयर बाजार पर भी दबाव डाल सकती है, जो मंगलवार को 1% नीचे बंद हुआ। महंगाई के आंकड़े बाजार बंद होने के बाद जारी किए गए।
RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक 4-6 दिसंबर को होने वाली है। आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, "अक्टूबर में महंगाई 6% से ऊपर पहुंचने के साथ, और Q3FY25 के MPC अनुमान से 60-70 बेसिस पॉइंट अधिक रहने की संभावना को देखते हुए, दिसंबर की बैठक में ब्याज दर में कटौती की संभावना नहीं है।"
इससे पहले गवर्नर शशिकांत दास ने कहा था कि फिलहाल होम लोन और ऑटो लोन पर EMI में कोई कमी नहीं होगी। RBI ने पिछले 2 सालों से ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है। हालांकि, अक्टूबर में हुई मौद्रिक नीति बैठक के दौरान कुछ बदलाव की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन RBI के गवर्नर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल ब्याज दर यथास्थित रह सकती है।
विदेशों में ब्याज दरों में कटौती
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कनाडा का केंद्रीय बैंक जुलाई से अब तक 2 बार ब्याज दरों में कमी कर चुका है, वहीं यूरोपीय सेंट्रल बैंक भी ब्याज दरों में कटौती कर चुका है। अमेरिका का फेडरल रिजर्व भी अपनी अगली बैठक में ब्याज दरों में कटौती करने की संभावना जता चुका है। हालांकि, भारत में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के बावजूद, बढ़ती महंगाई के कारण ब्याज दरों में कटौती का माहौल फिलहाल नहीं बन पा रहा है।
यहां नवंबर 2024 तक भारत के प्रमुख बैंकों द्वारा दी जाने वाली होम, कार, और शिक्षा ऋण की ब्याज दरें दी गई हैं। ये दरें बैंक, ऋण राशि, अवधि, और ग्राहक प्रोफाइल के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं।
होम लोन की ब्याज दरें....
• स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI): 8.50% से 10.20%
• बैंक ऑफ बड़ौदा: 8.40% से 10.90%
• पंजाब नेशनल बैंक (PNB): 8.40% से 10.15%
• आईसीआईसीआई बैंक: 8.85% से 10.50%
• एचडीएफसी लिमिटेड: 8.95% से 10.65%
कार लोन की ब्याज दरें
• SBI: 8.70% से 10.50%
• एचडीएफसी बैंक: 8.85% से 12.75%
• एक्सिस बैंक: 8.90% से 13.00%
• आईसीआईसीआई बैंक: 8.85% से 12.50%
• बैंक ऑफ बड़ौदा: 8.50% से 10.70%
शिक्षा ऋण की ब्याज दरें
• SBI: 9.15% से 11.50% (देश और विदेश में पढ़ाई के लिए अलग दरें)
• PNB: 8.85% से 11.85%
• बैंक ऑफ बड़ौदा: 8.75% से 10.50%
• आईसीआईसीआई बैंक: 10.25% से 12.00%
• एक्सिस बैंक: 10.75% से 13.00%
ये ब्याज दरें क्रेडिट स्कोर, ऋण की अवधि, और बैंकों की विशेष शर्तों पर आधारित हो सकती हैं ।