Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Sep, 2024 11:48 AM
1 जनवरी 2025 से रिटायरमेंट की उम्र बदल जाएगी। इस बदलाव के तहत, 2025 में पुरुषों की रिटायरमेंट उम्र 63 वर्ष और महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र 55 या 58 वर्ष होगी। बता दें कि इसका असर 140 करोड़ लोगों पर पड़ेगा।
नेशनल डेस्क: 1 जनवरी 2025 से रिटायरमेंट की उम्र बदल जाएगी। इस बदलाव के तहत, 2025 में पुरुषों की रिटायरमेंट उम्र 63 वर्ष और महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र 55 या 58 वर्ष होगी। बता दें कि इसका असर 140 करोड़ लोगों पर पड़ेगा।
चीन में 1 जनवरी 2025 से रिटायरमेंट की उम्र में बदलाव होगा, जिसका असर 140 करोड़ लोगों पर पड़ेगा। इस नई नीति के तहत, पुरुषों की रिटायरमेंट उम्र 63 वर्ष और महिलाओं की रिटायरमेंट उम्र 55 या 58 वर्ष हो जाएगी। वर्तमान में, पुरुषों की रिटायरमेंट उम्र 60 और महिलाओं की 50 वर्ष है। हालांकि, यह बदलाव भारत में नहीं, बल्कि चीन में लागू होगा।
चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने हाल ही में इस नई पॉलिसी को मंजूरी दी है। यह बदलाव देश की घटती जनसंख्या और बढ़ती उम्र के कार्यबल की समस्या का समाधान करने के लिए किया जा रहा है। वर्तमान रिटायरमेंट उम्र दुनिया के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम है।
नई पॉलिसी का प्रभाव और समयसीमा
नई पॉलिसी में अब हर 15 साल में बदलाव किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी में सीनियर रिसर्च फेलो शियुजियान पेंग के अनुसार, चीन में रिटायरमेंट एज में बदलाव से पेंशन फंड पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सकेगा। पेंग बताते हैं कि 1950 के दशक में निर्धारित रिटायरमेंट उम्र उस समय की जीवन प्रत्याशा के अनुसार थी, जब जीने की उम्र लगभग 40 वर्ष थी।
2035 तक 400 मिलियन से अधिक वृद्धजन
रिपोर्ट के अनुसार, 2035 तक चीन में 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या 400 मिलियन होने का अनुमान है, जो अमेरिका की पूरी जनसंख्या से भी अधिक है। इस समय तक पब्लिक पेंशन फंड के समाप्त होने की संभावना है। नई रिटायरमेंट उम्र से इस समस्या का समाधान मिलने की उम्मीद है।
रिटायरमेंट उम्र का निर्धारण
नई पॉलिसी के तहत, रिटायरमेंट उम्र व्यक्ति की जन्मतिथि के आधार पर निर्धारित होगी। उदाहरण के लिए, जनवरी 1971 में जन्मे व्यक्ति की रिटायरमेंट उम्र अगस्त 2032 में 61 वर्ष और 7 महीने होगी। मई 1971 में जन्मे व्यक्ति की रिटायरमेंट उम्र जनवरी 2033 में 61 वर्ष और 8 महीने होगी।
इस नई नीति से चीन की बढ़ती जनसंख्या के दबाव को संभालने में मदद मिलेगी और पेंशन फंड पर दबाव कम होगा।