Edited By Parminder Kaur,Updated: 21 Dec, 2024 02:30 PM
PM गति शक्ति पहल के तहत नेटवर्क योजना समूह (NPG) की 85वीं बैठक में पांच महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इनमें दो रेलवे परियोजनाएं और तीन हाईवे विकास परियोजनाएं शामिल हैं, जो भारत की लॉजिस्टिक्स, व्यापार और कनेक्टिविटी को...
नेशनल डेस्क. PM गति शक्ति पहल के तहत नेटवर्क योजना समूह (NPG) की 85वीं बैठक में पांच महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की समीक्षा की गई। इनमें दो रेलवे परियोजनाएं और तीन हाईवे विकास परियोजनाएं शामिल हैं, जो भारत की लॉजिस्टिक्स, व्यापार और कनेक्टिविटी को महत्वपूर्ण रूप से मजबूत करने का वादा करती हैं।
रेलवे परियोजनाएं: माल और यात्री यातायात को बढ़ावा
डांगोपोसी-जरौली तीसरी और चौथी रेल लाइन यह परियोजना झारखंड और ओडिशा के 85.88 किलोमीटर क्षेत्र में स्थित है, जिसमें मौजूदा कॉरिडोर के समानांतर तीसरी और चौथी रेल लाइनें बनाई जाएंगी। इन लाइनों का उद्देश्य केंझर क्षेत्र से आयरन और अन्य खनिजों को औद्योगिक केंद्रों और पारदीप पोर्ट तक सुगमता से पहुंचाना है। इसके अलावा यह परियोजना कोयला, जिप्सम और उर्वरक जैसे भारी सामानों की ढुलाई में भी मदद करेगी, जिससे महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए लॉजिस्टिक्स में सुधार होगा।
बुरहवाल-गोंडा कचहरी चौथी रेल लाइन उत्तर प्रदेश में स्थित यह 55.75 किलोमीटर चौथी रेल लाइन मौजूदा दोहरी लाइनों और तीसरी लाइन के काम को पूरक करेगी। इस परियोजना का उद्देश्य बाराबंकी, बहराइच और गोंडा जिलों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना है। इससे कोयला, सीमेंट, उर्वरक और स्टील जैसी वस्तुओं की ढुलाई को बढ़ावा मिलेगा, जिससे उत्तर-पूर्वी क्षेत्र की लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
हाईवे परियोजनाएं: क्षेत्रीय एकीकरण और व्यापार को बढ़ावा
बाराबंकी-बहराइच NH-927 कॉरिडोर यह परियोजना NH-927 के 101.54 किलोमीटर के हिस्से को 4-लेन में अपग्रेड करने का प्रस्ताव है, जिसमें छह-लेन संरचनाएं भी शामिल होंगी। यह हाईवे लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट, NH-27 और भारत-नेपाल सीमा को जोड़ते हुए यात्रा समय को कम करेगा और उत्तर भारत में व्यापार को बढ़ावा देगा। यह परियोजना क्षेत्र में औद्योगिक, पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों को समर्थन प्रदान करेगी।
कानपुर- कबरई ग्रीनफील्ड हाईवे कानपुर रिंग रोड को NH-35 पर कबरई से जोड़ने वाली 118.8 किलोमीटर लंबी 4-लेन ग्रीनफील्ड हाईवे परियोजना का उद्देश्य है। इस हाईवे से सात रेलवे स्टेशनों और तीन हवाई अड्डों से मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी मिलेगी, जो कानपुर, हमीरपुर और महोबा जिलों में औद्योगिक विकास, पर्यटन और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देगा।
सिंघाना-तितनवाड़़ा एक्सेस-कंट्रोल्ड हाईवे यह परियोजना 40.725 किलोमीटर लंबी, 4-लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड हाईवे के रूप में NH-311 पर बनाई जाएगी। यह राजस्थान में मौजूदा एकल और इंटरमीडिएट लेन वाले मार्ग की सीमाओं को दूर करेगी। यह हाईवे सिखर, नागौर, जोधपुर और दिल्ली को जोड़ते हुए माल और यात्री यातायात को सुगम बनाएगा और राजस्थान, हरियाणा तथा दिल्ली क्षेत्र में व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा।
आर्थिक विकास और कनेक्टिविटी में सुधार
ये परियोजनाएं PM गति शक्ति पहल के तहत भारत की इंफ्रास्ट्रक्चर क्षमता को मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इन परियोजनाओं के माध्यम से मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। यात्रा समय में कमी आएगी और लॉजिस्टिक्स की दक्षता में सुधार होगा, जिससे क्षेत्रीय एकीकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।