PM और VVIP के लिए सड़कें, फुटपाथ खाली कराए जाते हैं तो फिर सबके लिए क्यों नहीं : HC

Edited By Utsav Singh,Updated: 24 Jun, 2024 02:17 PM

roads and footpaths are cleared for pm and vvips then why not for everyone hc

बम्बई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि जब प्रधानमंत्री और अन्य अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीवीआईपी) के लिए सड़कों और फुटपाथ को एक दिन के लिए खाली कराया जा सकता है तो सभी लोगों के लिए क्यों रोज ऐसा नहीं किया जा सकता।

महाराष्ट्र : बम्बई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि जब प्रधानमंत्री और अन्य अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीवीआईपी) के लिए सड़कों और फुटपाथ को एक दिन के लिए खाली कराया जा सकता है तो सभी लोगों के लिए क्यों रोज ऐसा नहीं किया जा सकता। न्यायमूर्ति एम.एस. सोनक और न्यायमूर्ति कमल खता की खंडपीठ ने कहा कि साफ फुटपाथ और चलने के लिए सुरक्षित स्थान हर एक व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और इसे मुहैया कराना राज्य प्राधिकरण का दायित्व है।

PunjabKesari

समस्या के समाधान के लिए कुछ कठोर कदम उठाने होंगे
पीठ ने कहा कि राज्य सरकार के केवल यह सोचने भर से नहीं चलेगा कि शहर में फुटपाथों पर अतिक्रमण करने वाले अनाधिकृत फेरीवालों की समस्या के समाधान के लिए क्या किया जाए। उन्हें (राज्य सरकार) अब इस दिशा में कुछ कठोर कदम उठाने होंगे। उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष शहर में अनाधिकृत रेहड़ी और फेरीवालों के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लिया था। पीठ ने सोमवार को कहा कि उसे पता है कि समस्या बड़ी है लेकिन राज्य और नगर निकाय सहित अन्य अधिकारी इसे ऐसे ही नहीं छोड़ सकते। पीठ ने इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई का आह्वान किया ।

PunjabKesari

नागरिक कर देते हैं, चलने के लिए सुरक्षित स्थान मौलिक अधिकार
अदालत ने कहा, ''जब प्रधानमंत्री या कोई वीवीआईपी आते हैं तो सड़कें और फुटपाथ तुरंत साफ कर दिए जाते हैं और जब तक वे यहां रहते हैं, तब तक ऐसा ही रहता है। तब यह कैसे हो जाता है? यह बाकी सभी लोगों के लिए क्यों नहीं किया जा सकता? नागरिक कर देते हैं, उन्हें साफ फुटपाथ और चलने के लिए सुरक्षित जगह की जरूरत है।'' अदालत ने कहा, ''फुटपाथ और चलने के लिए सुरक्षित स्थान एक मौलिक अधिकार है। हम अपने बच्चों को फुटपाथ पर चलने के लिए कहते हैं लेकिन अगर चलने के लिए फुटपाथ ही नहीं होंगे तो हम अपने बच्चों से क्या कहेंगे?''पीठ ने कहा कि बरसों से अधिकारी कह रहे हैं कि वे इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं।

PunjabKesari

ऐसा लगता है कि इच्छाशक्ति की कमी है...
अदालत ने कहा, '' राज्य सरकार को कछ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है। ऐसा नहीं हो सकता कि अधिकारी केवल सोचते ही रहें कि क्या करना है। ऐसा लगता है कि इच्छाशक्ति की कमी है, क्योंकि जहां इच्छाशक्ति होती है वहां हमेशा कोई न कोई रास्ता निकल ही आता है।'' बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील एसयू कामदार ने कहा कि ऐसे रेहड़ीवालों और फेरीवालों के खिलाफ समय-समय पर कार्रवाई की जाती है लेकिन वे फिर वापस आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि बीएमसी भूमिगत बाजार के विकल्प पर भी विचार कर रही है। अदालत मामले पर अगली सुनवाई 22 जुलाई को करेगी। 

 

 

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!