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सरकारों की नई पहल: हर साल 13 करोड़ महिलाओं को 2 लाख करोड़ कैश ट्रांसफर

Edited By Rohini Oberoi,Updated: 27 Jan, 2025 10:29 AM

rs 2 lakh crore cash transfer to 13 crore women every year

भारत में महिलाओं को कैश ट्रांसफर देने की योजनाओं का चलन बढ़ता जा रहा है। इसका मकसद महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इसी के चलते भारत में सरकारें 13 करोड़ महिलाओं को हर साल 2 लाख करोड़ कैश दे रहीं हैं। साथ ही इन...

नेशनल डेस्क। भारत में महिलाओं को कैश ट्रांसफर देने की योजनाओं का चलन बढ़ता जा रहा है। इसका मकसद महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इसी के चलते भारत में सरकारें 13 करोड़ महिलाओं को हर साल 2 लाख करोड़ कैश दे रहीं हैं। साथ ही इन योजनाओं का सियासी फायदा उठाने के लिए भी राजनीतिक दल इन्हें बढ़ावा दे रहे हैं।

कैश ट्रांसफर से जुड़ी मुख्य बातें

➤13 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को फायदा:
एक्सिस बैंक की एक रिसर्च के मुताबिक भारत की लगभग 20% वयस्क महिलाओं को कैश ट्रांसफर का लाभ मिल रहा है।

➤ हर साल 2 लाख करोड़ रुपए खर्च:
देशभर के 11 राज्यों में हर साल महिलाओं के लिए करीब 2 लाख करोड़ रुपए की धनराशि दी जा रही है जो भारत की जीडीपी का 0.6% है।

➤ सियासी दलों का मुख्य लक्ष्य:
महिलाओं के साथ-साथ किसानों को भी नकद लाभ पहुंचाने की योजनाओं में काफी निवेश किया जा रहा है।

महिलाओं के खातों में पैसा पहुंचाने का असर

➤ कैश ट्रांसफर से महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और आत्मसम्मान मिला है।
➤ एक्सिस बैंक की रिसर्च बताती है कि गरीब परिवारों का खर्च 7% से 45% तक बढ़ गया है।
➤ इससे महिलाओं को अपनी मर्जी से खर्च करने का अधिकार मिला है जिससे उनके आत्मविश्वास में इजाफा हुआ है।

राज्यों पर वित्तीय बोझ: एसबीआई की रिपोर्ट

➤ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के लिए बनाई गई डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजनाएं राज्यों की वित्तीय स्थिति को कमजोर कर रही हैं।
➤ अकेले 8 राज्यों में इन योजनाओं की लागत 1.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है।
➤ कर्नाटक, ओडिशा और दिल्ली जैसे राज्यों में ये योजनाएं राजस्व का बड़ा हिस्सा ले रही हैं।

राज्यों में कैश ट्रांसफर योजनाएं

➤ कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना:
महिलाओं को हर महीने 2,000 रुपए दिए जा रहे हैं। इसका कुल खर्च 28,608 करोड़ रुपए है, जो राज्य की राजस्व का 11% है।

 

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➤ पश्चिम बंगाल की लक्ष्मी भंडार योजना:
कमजोर वर्ग की महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपए दिए जा रहे हैं। इस पर 14,400 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।

➤ दिल्ली की योजना:
महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपए देने का वादा किया गया है। इसके लिए 2,000 करोड़ रुपए की राशि रखी गई है।

 

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कैश ट्रांसफर का राजनीतिक फायदा

➤ पॉलिटिकल साइंटिस्ट्स नीलांजल सरकार और यामिनी अय्यर की रिसर्च बताती है कि कैश ट्रांसफर योजनाओं ने क्षेत्रीय पार्टियों को बीजेपी के आधार क्षेत्रों में सेंध लगाने में मदद की है।
➤ आधार से जुड़े बैंक खातों की वजह से ऐसी योजनाओं पर अमल करना आसान हुआ है।
➤ 2019 में केंद्र सरकार की 507 योजनाएं थीं, जो 2024 में बढ़कर 1,206 हो गई हैं।

नुकसान और आलोचना

➤ कैश ट्रांसफर योजनाओं की वजह से शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे अहम क्षेत्रों का बजट प्रभावित हो रहा है।
➤ महाराष्ट्र में कैश ट्रांसफर पर कुल सरकारी बजट का 50% हिस्सा खर्च हो रहा है जबकि स्वास्थ्य पर सिर्फ 4.6% और ग्रामीण विकास पर 3.9% खर्च किया जा रहा है।
➤ जेएनयू के प्रोफेसर हिमांशु का कहना है कि ये योजनाएं लंबे समय में जरूरी सेवाओं और सुविधाओं को बेहतर बनाने में मदद नहीं करती हैं।

वहीं महिलाओं को कैश ट्रांसफर योजनाओं से जरूर फायदा हो रहा है लेकिन राज्यों की वित्तीय स्थिति पर इसका नकारात्मक असर भी देखा जा रहा है। इन योजनाओं के चलते शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे जरूरी क्षेत्रों पर खर्च कम हो रहा है। ये योजनाएं महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

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