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लोकसभा में खुलासा: PM-KISAN में धोखाधड़ी से प्राप्त 335 करोड़ की राशि हुई वसूल

Edited By Rahul Rana,Updated: 06 Dec, 2024 01:34 PM

rs 335 crore obtained through fraud in pm kisan has been recovered

सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत लाभार्थियों के डेटा की बड़े पैमाने पर जांच के बाद नकद लाभ लेने वाले गैर-किसानों और अयोग्य किसानों से अब तक कुल 335 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।

नॅशनल डेस्क। सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत लाभार्थियों के डेटा की बड़े पैमाने पर जांच के बाद नकद लाभ लेने वाले गैर-किसानों और अयोग्य किसानों से अब तक कुल 335 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।

क्या है पीएम-किसान योजना?

पीएम-किसान योजना का उद्देश्य किसान परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार प्रति वर्ष ₹6,000 की राशि देती है जो तीन बराबर हिस्सों में ₹2,000 की किस्तों के रूप में हर चार महीने में ट्रांसफर की जाती है। यह योजना 24 फरवरी 2019 को शुरू की गई थी जब पहली किस्त का भुगतान किया गया था।

किसे मिलती है पीएम-किसान योजना का लाभ?

इस योजना का लाभ उन किसान परिवारों को मिलता है जो भूमि-स्वामी हैं। इसके लिए कुछ मानदंड तय किए गए हैं:

: आयकरदाता, सरकारी कर्मचारी, निर्वाचित प्रतिनिधि और ₹10,000 या उससे अधिक मासिक पेंशन प्राप्त करने वाले लोग इस योजना के पात्र नहीं हैं।
: योजना के तहत नामांकन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होती है, जो लाभार्थियों का चयन करती हैं।

हुआ क्या था?

पीएम-किसान योजना के लिए लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में शुरू में स्व-प्रमाणन का तरीका अपनाया गया था यानी कि राज्य सरकारों द्वारा किसानों के डेटा पर भरोसा किया जाता था। हालांकि बाद में यह पाया गया कि कुछ गैर-किसान और अयोग्य किसान इस योजना का लाभ उठा रहे थे।

इसके बाद केंद्र सरकार ने कई तकनीकी सुधार किए जैसे:

: आधार कार्ड और बायोमेट्रिक डेटा के साथ किसानों के खातों को जोड़ना।
: आधार-आधारित भुगतान प्रणाली और ई-केवाईसी की प्रक्रिया को अनिवार्य करना।
: भूमि रिकॉर्ड और आयकर डेटा के साथ एकीकरण किया गया, जिससे अयोग्य लोगों की पहचान की जा सके।

335 करोड़ रुपये की वसूली

इन कदमों के परिणामस्वरूप सरकार ने अब तक 335 करोड़ रुपये की वसूली की है। यह राशि उन अयोग्य लोगों से वसूल की गई है जिन्होंने बिना पात्रता के योजना के तहत लाभ लिया था। वसूली केंद्र सरकार के सहयोग से विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा की गई है।

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री का बयान

केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में अपने लिखित उत्तर में कहा, "केंद्र सरकार ने 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है और हम लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हैं।"

उन्होंने यह भी बताया कि शुरू में योजना विश्वास आधारित प्रणाली पर आधारित थी लेकिन अब तकनीकी सुधारों के बाद इस प्रक्रिया में पारदर्शिता और सख्ती बढ़ाई गई है।

पीएम-किसान योजना का उद्देश्य किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है लेकिन सरकार ने जांच और सुधारों के माध्यम से यह सुनिश्चित किया है कि अयोग्य लोग इस योजना का लाभ न उठाएं। अब तक 335 करोड़ रुपये की वसूली यह दिखाती है कि योजना में पारदर्शिता और सख्ती बढ़ाई गई है।

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