Edited By Rohini Oberoi,Updated: 21 Jan, 2025 12:02 PM
कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए 4,500 से अधिक बच्चों के कल्याण के लिए पीएम केयर्स फंड से 346 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह जानकारी 2022-23 के लिए फंड के नवीनतम ऑडिटेड स्टेटमेंट से सामने आई है।
नेशनल डेस्क। कोविड-19 महामारी के दौरान अनाथ हुए 4,500 से अधिक बच्चों के कल्याण के लिए पीएम केयर्स फंड से 346 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह जानकारी 2022-23 के लिए फंड के नवीनतम ऑडिटेड स्टेटमेंट से सामने आई है।
क्या है PM केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मई 2021 को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य उन बच्चों की सहायता करना है जिन्होंने 11 मार्च, 2020 से 5 मई, 2023 तक की अवधि में कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता या दोनों जीवित माता-पिता को खो दिया है।
योजना का उद्देश्य और सुविधाएं
इस योजना का उद्देश्य बच्चों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके अंतर्गत बच्चों को स्वास्थ्य बीमा, शिक्षा 23 वर्ष की उम्र होने पर वित्तीय सहायता और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अन्य मदद दी जाती है।
इस योजना में 4,500 से अधिक बच्चों को सहायता मिल रही है जो भारत के 31 राज्यों के 558 जिलों में फैले हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा बच्चे महाराष्ट्र (855), उत्तर प्रदेश (467), मध्य प्रदेश (433), तमिलनाडु (426) और आंध्र प्रदेश (351) में हैं।
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बच्चों को मिल रही सहायता:
➤ सभी बच्चों को 10 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है।
➤ बच्चों के पुनर्वास के लिए आवास और भोजन की सहायता।
➤ स्कूलों में प्रवेश की सुविधा।
➤ उच्च शिक्षा के लिए शैक्षिक ऋण।
➤ 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर।
➤ कक्षा 1 से कक्षा 12 तक के स्कूल जाने वाले बच्चों को प्रति वर्ष 20,000 रुपये की छात्रवृत्ति।
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कोविड-19 महामारी का असर और बच्चों की स्थिति
कोविड-19 महामारी ने भारत समेत पूरी दुनिया को बुरी तरह प्रभावित किया। बच्चों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियां उनकी दिनचर्या का नुकसान, स्कूल न जा पाना और प्रियजनों को खोने का डर था। महामारी के कारण कई बच्चों ने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया।
वहीं इन बच्चों के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापक सहायता की घोषणा की और इनकी देखभाल और पुनर्वास के लिए पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना शुरू की। बता दें कि योजना में बच्चों को शिक्षा के लिए गैप फंडिंग 18 वर्ष की आयु तक मासिक वजीफा और 23 वर्ष की आयु में 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि दी जाती है।
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पीएम केयर्स फंड का उद्देश्य और मदद
कोविड-19 महामारी से उत्पन्न आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए पीएम केयर्स फंड की स्थापना की गई थी। यह फंड समाज के सबसे प्रभावित वर्गों की मदद करने के लिए समर्पित है। महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय इस योजना के लिए नोडल मंत्रालय है और यह योजना राज्यों, जिला प्रशासन और अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर चलाई जा रही है।