Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Jan, 2025 04:38 PM
राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) ने अपने सेंटरो और ब्यास में वीआईपी कल्चर को खत्म करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य संगत में सभी श्रद्धालुओं को समान महत्व देना और आध्यात्मिक एकता को बढ़ावा देना है।
नेशनल डेस्क: राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) ने अपने सेंटरो और ब्यास में वीआईपी कल्चर को खत्म करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य संगत में सभी श्रद्धालुओं को समान महत्व देना और आध्यात्मिक एकता को बढ़ावा देना है। अब से, सत्संग के दौरान कोई विशेष बैठने की व्यवस्था नहीं होगी और सभी श्रद्धालु समान स्थान पर बैठेंगे। यह निर्णय एकता और समानता की भावना को प्रोत्साहित करेगा, और संगत ने इसे एक सराहनीय कदम बताया है।
संगठन के नए प्रमुख जसदीप सिंह गिल:
बता दें कि इससे पहले राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने 2 अगस्त को अपनी आध्यात्मिक संस्था का नया उत्तराधिकारी घोषित किया था। जसदीप सिंह गिल को नया सतगुरु बनाया गया है, जो अब गुरु दीक्षा देने के साथ ही संगठन के आध्यात्मिक नेतृत्व का कार्य करेंगे।
जसदीप सिंह गिल ने केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की है और उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अपनी पढ़ाई की है। उनके पिता सुखदेव सिंह गिल ने भी गिल सिपला में प्रमुख रणनीतिक अधिकारी के रूप में अपनी भूमिका निभाई थी।
इससे पहले, राधा स्वामी सत्संग ब्यास के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों थे, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे, जिससे उन्होंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जसदीप सिंह गिल को चुना।
धर्मार्थ संस्थाओं को 30 एकड़ तक जमीन हस्तांतरण की स्वीकृति:
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा संशोधन विधेयक 2024 को पारित किया, जिसके तहत धर्मार्थ और आध्यात्मिक संस्थाओं को 30 एकड़ तक जमीन और संस्थागत ढांचा हस्तांतरित करने की स्वीकृति मिल गई है।