Edited By ,Updated: 09 Sep, 2016 01:26 PM
सोशल मीडिया में फेसबुक के विस्तार के साथ सबसे बड़ी क्रांति सूचनाओं के क्षेत्र में ही रही और आज पारंपरिक मीडिया माध्यम भी फेसबुक के जरिए अपनी खबरों का विस्तार पाठकों तक कर रहे हैं।
मुंबई: सोशल मीडिया में फेसबुक के विस्तार के साथ सबसे बड़ी क्रांति सूचनाओं के क्षेत्र में ही रही और आज पारंपरिक मीडिया माध्यम भी फेसबुक के जरिए अपनी खबरों का विस्तार पाठकों तक कर रहे हैं। फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने पिछले दिनों फेसबुक न्यूज फीड के 10 साल पूरे होने पर अपने अकाउंट में पोस्ट किया था। पोस्ट में टैग किए गए लोगों में एक नाम भारतीय इंजीनियर रूची सांघवी का भी है। रूचि सांघवी वो नाम है जो फेसबुक के कुछ सबसे महत्वपूर्ण लोगों में शामिल है।रूचि को फेसबुक की भारतीय पहली महिला इंजीनियर होने का गौरव हासिल है।
सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक के न्यूज फीड को विकसित करने वाली रुचि सांघवी की उम्र उस समय 25 साल की थी, जब वह बतौर पहली महिला इंजीनियर फेसबुक से जुड़ी थीं। रूचि ने फेसबुक को एक छोटी-सी बैवसाइट से दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किग साइट बनते हुए देखा है। रुची ने ही मार्क को न्यूज फीड का आइडिया दिया था। रूची मूलतः पुणे (महाराष्ट्र) की रहने वाली है। फेसबुक की पहली महिला इंजीनियर के अलावा रुचि सिलिकॉन वैली की स्टार भी कहलाती है। बकौल रूचि जब उन्होंने इंजीनियरिंग करने के बारे में सोचा था तो उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि इंजीनियरिंग को लेकर लोगों की सोच अब काफी बदली है और हाल के वर्षों में इसमें काफी विविधता आई है।
रूचि अपने पिता का बिजनैस संभालना चाहती थी। उसने अमेरिका की कार्नेगी मेलन यूनीवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। यहीं पर उनकी मुलाकात आदित्य अग्रवाल से हुई थी। 2004 में पासआउट होने के बाद दोनों ने ऑरेकल कंपनी ज्वॉइन की। बाद में दोनों से शादी का फैसला लिया। इसके बाद साल 2005 में रूचिने अपने पति आदित्य अग्रवाल के साथ फेसबुक कंपनी में नौकरी करनी शुरू की। साल 2006 में वह फेसबुक की प्रोडक्ट लीड बनी।
जुकरबर्ग और उनके साथी यूजर को साइट पर इंगेज करने के लिए आइडिया ढूंढ रहे थे। तभी रूचि ने एक न्यूजपेपर जैसा आइडिया दिया जिसमें यूजर लगातार इंगेज रहे। यह आइडिया मार्क को पसंद आया और फिर तैयार किया गया फेसबुक का फीचर न्यूजफीड। रुचि ने बताया कि फेसबुक पर न्यूजफीड को लॉन्च करने के अगले ही दिन कई लोग ऑफिस के बाहर इकट्ठे हो गए और इस नए फीचर का विरोध करने लगे। कई लोगों ने हमें फेसबुक को बायकॉट करने तक की धमकी दी। तब मार्क सहित पूरी टीम को पीछे के दरवाजे से बाहर भागना पड़ा लेकिन आज के टाइम में इसी फीचर से फेसबुक को हर घंटे 50 हजार नए यूजर्स मिलते हैं। 2010 में 30 साल की उम्र में रूचि ने फेसबुक छोड़कर अपना खुद का काम करने का फैसला किया।
फेसबुक में लीड प्रॉडक्ट मैनेजर के पद को छोड़ खुद की कंपनी कोव शुरू की जोकि उन्होंने अफने पति के साथ मिलकर खोली थी। 2012 में इसे ड्रॉपबॉक्स क्लाउड कंपनी ने खरीद लिया। बाद में रूची ड्रॉपबॉक्स की वाइस प्रेसिडेंट, प्रोडक्ट मैनेजर जैसे बड़े पदों पर रही। 2013 में उन्होंने ड्रॉपबॉक्स को भी अलविदा कह दिया। फिलहाल वह कंपनी के साथ एडवाइजर के तौर पर जुड़ी हुई हैं। रूची को फेसबुक में अपने काम के चलते 2011 में बेस्ट इंजीनियर का अवॉर्ड भी मिल चुका है।