Edited By Rahul Rana,Updated: 20 Dec, 2024 09:34 AM
गुरुवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये की स्थिति कमजोर बनी रही। रुपये ने डॉलर के मुकाबले 19 पैसे की गिरावट दर्ज की और 85.13 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। यह पहली बार है जब रुपया 85 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया है।
नेशनल डेस्क। गुरुवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये की स्थिति कमजोर बनी रही। रुपये ने डॉलर के मुकाबले 19 पैसे की गिरावट दर्ज की और 85.13 प्रति डॉलर के अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ। यह पहली बार है जब रुपया 85 प्रति डॉलर के स्तर को पार कर गया है।
रुपये में गिरावट के कारण
1. अमेरिकी फेडरल रिजर्व का आक्रामक रुख:
: फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25% की कटौती कर इसे 4.5% कर दिया।
: 2025 में केवल दो बार ब्याज दर कटौती का संकेत दिया जबकि पहले चार कटौती की उम्मीद थी।
: इस फैसले से डॉलर मजबूत हुआ और रुपये पर दबाव बढ़ा।
2. डॉलर की मजबूती:
: अमेरिकी डॉलर 107.88 के स्तर पर रहा जो छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले इसकी मजबूती को दर्शाता है।
: आयातकों की डॉलर की मांग और विदेशी निवेशकों द्वारा पूंजी निकासी ने भी रुपये को कमजोर किया।
3. घरेलू शेयर बाजार में गिरावट:
: सेंसेक्स: 964.15 अंक गिरकर 79,218.05 पर बंद हुआ।
: निफ्टी: 247.15 अंक की गिरावट के साथ 23,951.70 पर बंद हुआ।
: विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने 4,224.92 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।
दिनभर रुपये का प्रदर्शन
: दिन की शुरुआत में रुपया कमजोर रुख के साथ खुला।
: कारोबार के दौरान यह 85.14 प्रति डॉलर तक गिरा।
: अंत में यह 85.13 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
: बुधवार को रुपया 84.94 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
विशेषज्ञों की राय
अनुज चौधरी (मिराए एसेट शेयरखान):
: रुपये पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आक्रामक रुख और मजबूत डॉलर का दबाव बना रहेगा।
: भारतीय अर्थव्यवस्था में नरमी की चिंताओं के कारण रुपये में और गिरावट हो सकती है।
: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का हस्तक्षेप रुपये को सहारा दे सकता है।
: अगले कुछ दिनों में रुपया 84.9 से 85.25 के बीच कारोबार कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार का असर
1. डॉलर सूचकांक:
: यह 0.13% गिरावट के साथ 107.88 पर रहा।
2 क्रूड ऑयल:
: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रेंट क्रूड 0.05% गिरकर 73.35 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा।
भविष्य की उम्मीद
: रुपये पर निकट भविष्य में दबाव बना रह सकता है।
: RBI का हस्तक्षेप और आगामी आर्थिक आंकड़े, जैसे GDP डेटा, बेरोजगारी आंकड़े और अमेरिका से संबंधित व्यापारिक जानकारी रुपये की चाल को प्रभावित करेंगे।
: बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार रुपया मार्च 2025 तक 85.50 प्रति डॉलर के आसपास स्थिर हो सकता है।
अंत में बता दें कि डॉलर की मजबूती और विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँच गया है। यह स्थिति न केवल भारतीय मुद्रा पर दबाव डाल रही है बल्कि घरेलू बाजार की अस्थिरता को भी बढ़ा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक को इस समय सावधानीपूर्वक हस्तक्षेप करने और स्थिति को संभालने की आवश्यकता है।