Edited By Rahul Rana,Updated: 21 Nov, 2024 02:15 PM
हाल के दिनों में भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में म्यूचुअल फंड (MF) निवेशकों में तेजी से वृद्धि हुई है। इन क्षेत्रों के निवेशकों ने म्यूचुअल फंड योजनाओं में व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) के तहत नए खाते खोलने के मामले में बड़े शहरों के लोगों...
नॅशनल डेस्क। हाल के दिनों में भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में म्यूचुअल फंड (MF) निवेशकों में तेजी से वृद्धि हुई है। इन क्षेत्रों के निवेशकों ने म्यूचुअल फंड योजनाओं में व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) के तहत नए खाते खोलने के मामले में बड़े शहरों के लोगों को पीछे छोड़ दिया है।
बी30 शहरों से ज्यादा निवेश
म्यूचुअल फंड उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, बी30 (शीर्ष 30 शहरों से बाहर के इलाके) के निवेशकों ने पिछले साल सक्रिय इक्विटी योजनाओं में 60% नए SIP खातों का योगदान दिया। इससे यह साफ होता है कि छोटे शहर और गांवों के लोग भी अब निवेश के फायदों को समझने लगे हैं और वे म्यूचुअल फंड को एक बेहतर विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
टी30 और बी30 का मतलब
म्यूचुअल फंड उद्योग निवेशकों को दो भागों में बांटता है:
- टी30 (Top 30 Cities): ये देश के सबसे बड़े 30 शहर हैं, जहां सबसे ज्यादा म्यूचुअल फंड निवेश होता है।
- बी30 (Beyond Top 30 Cities): बाकी देश, जिसमें छोटे शहर, कस्बे और गांव आते हैं।
क्यों बढ़ रहा है छोटे शहरों का रुझान?
- साक्षरता और जागरूकता का बढ़ना: वित्तीय शिक्षा और डिजिटल सुविधाओं की उपलब्धता से ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोग निवेश के फायदों को समझने लगे हैं।
- सरलता और सुविधा: अब SIP के जरिए छोटे-छोटे निवेश करना आसान हो गया है।
- तकनीकी पहुंच: स्मार्टफोन और इंटरनेट के जरिए लोग म्यूचुअल फंड में आसानी से निवेश कर पा रहे हैं।
- आकर्षक रिटर्न: म्यूचुअल फंड में लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिलता है, जो इन क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित कर रहा है।
छोटे निवेशकों की बढ़ती भूमिका
बी30 शहरों से SIP निवेश की बढ़ोतरी म्यूचुअल फंड उद्योग के लिए एक सकारात्मक संकेत है। इससे यह साबित होता है कि अब निवेश केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के छोटे हिस्सों में भी इसकी जड़ें मजबूत हो रही हैं।
अंत में बता दें कि छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के निवेशकों का यह बढ़ता रुझान देश की वित्तीय समावेशन नीति को सफल बनाने में मददगार साबित हो रहा है। यह न केवल उनकी बचत की आदत को मजबूत कर रहा है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त भी बना रहा है।