Edited By Anu Malhotra,Updated: 16 Oct, 2023 09:20 AM
ISRO चीफ ने अपने अपकमिंग मिशन को लेकर अहम जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि इसरो ने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के अलावा, मंगल, शुक्र और चंद्रमा सहित अन्वेषण मिशनों की एक श्रृंखला तैयार की है।
नेशनल डेस्क: ISRO चीफ ने अपने अपकमिंग मिशन को लेकर अहम जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि इसरो ने पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के अलावा, मंगल, शुक्र और चंद्रमा सहित अन्वेषण मिशनों की एक श्रृंखला तैयार की है। अंतरिक्ष एजेंसी प्रमुख ने रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी ने पृथ्वी की जलवायु और मौसम की स्थिति का अध्ययन करने के लिए मिशन शुरू करने की योजना भी तैयार की है। अंतरिक्ष विभाग के सचिव सोमनाथ ने यहां कहा कि इसके अलावा, इसरो संचार, रिमोट सेंसिंग उपग्रहों सहित नियमित वैज्ञानिक मिशनों पर भी काम कर रहा है।
सोमनाथ ने गगनयान कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए कहा कि पहली टीवी-डी1 परीक्षण उड़ान 21 अक्टूबर को निर्धारित है। बेंगलुरु मुख्यालय वाली अंतरिक्ष एजेंसी द्वारा किए जाने वाले आगामी मिशनों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, "हमारे पास अन्वेषण मिशन हैं। हमारी मंगल, शुक्र और फिर कभी चंद्रमा पर जाने की योजना है। हमारे पास जलवायु और मौसम को देखने के लिए भी कार्यक्रम हैं।"
वहीं, एस सोमनाथ का कहना है कि NASA के वैज्ञानिकों ने भारत से चंद्रयान-3 की टेक्नोलॉजी मांगी है। उन्होंने कहा कि जब हमने चंद्रयान-3 डेवलप किया तो नासा के वैज्ञानिकों को इसरो हेडक्वॉर्टर बुलाया। हमने उन्हें समझाया कि कैसे 23 अगस्त को चंद्रयान-3 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। हमने उन्हें अपनी डिजाइन भी समझाई।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर उन्होंने कहा कि विक्रम ने अपना काम बहुत अच्छे से किया है। चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर) के दौरान इसे अपने कार्यों को करने के लिए प्रोग्राम किया गया था। उन्होंने कहा, "वह चंद्रमा पर खुशी से सो रहा है। इसने अपना काम बहुत अच्छे से किया है। बता दें कि चंद्रमा पर रात की शुरुआत के बाद सितंबर में रोवर प्रज्ञान और लैंडर विक्रम को स्लीप मोड में डाल दिया गया था। इसरो ने कहा था, "उनसे कोई सिग्नल नहीं मिला है। संपर्क स्थापित करने के प्रयास जारी रहेंगे।" 23 अगस्त को ऐतिहासिक लैंडिंग के बाद, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने चंद्र सतह पर विभिन्न कार्य किए, जिसमें सल्फर की उपस्थिति का पता लगाना और सापेक्ष तापमान रिकॉर्ड करना शामिल था।