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'संत प्रेमानंद की पदयात्रा का विरोध नहीं, बागेश्वर बाबा दानव बयान पर मांगे माफी' राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ की बैठक में लिया गया निर्णय

Edited By Parminder Kaur,Updated: 15 Feb, 2025 01:18 PM

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संत प्रेमानंद की पदयात्रा स्थगित होने के बाद सोशल मीडिया पर विरोध करने वाले लोगों को ट्रोल किए जाने और बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री द्वारा उन्हें दानव कहने के खिलाफ राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ ने विभिन्न संगठनों की बैठक आयोजित की।

नेशनल डेस्क. संत प्रेमानंद की पदयात्रा स्थगित होने के बाद सोशल मीडिया पर विरोध करने वाले लोगों को ट्रोल किए जाने और बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री द्वारा उन्हें दानव कहने के खिलाफ राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ ने विभिन्न संगठनों की बैठक आयोजित की।

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बैठक में वक्ताओं ने कहा कि संत प्रेमानंद की पदयात्रा का विरोध नहीं किया गया, बल्कि कुछ लोग बैंडबाजा, ढोल और आतिशबाजी से होने वाले ध्वनि प्रदूषण को बंद करने की अपील कर रहे थे। हालांकि, संत प्रेमानंद के अनुयायी विरोध करने वालों को तरह-तरह की संज्ञा दे रहे हैं। बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने विरोध करने वालों को दानव बता दिया और उन्हें दिल्ली चले जाने की सलाह दी।

धीरेंद्र शास्त्री से माफी की मांग

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अगर आचार्य शास्त्री अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगते हैं, तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। वक्ताओं ने सवाल किया कि क्या दिल्ली में दानव रहते हैं, जिसके कारण शास्त्री ने वहां बसने की सलाह दी।

ब्रजवासियों के बीच फूट डालने की कोशिश

राष्ट्रीय ब्राह्मण सेवा संघ के संस्थापक चंद्रलाल शर्मा ने कहा कि संत प्रेमानंद का ब्रजवासियों से गहरा संबंध है। कुछ लोग उनकी आड़ में ब्रजवासियों और संत प्रेमानंद में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। धीरेंद्र शास्त्री का बयान गलत है और यह उचित नहीं है।

पदयात्रा का विरोध नहीं किया गया

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बैठक में अध्यक्ष आनंदवल्लभ गोस्वामी ने कहा कि किसी ने भी पदयात्रा का विरोध नहीं किया। रात के समय बैंडबाजा और आतिशबाजी करना सही नहीं है, क्योंकि राधारानी ब्रजवासियों की जान हैं और जब ठाकुरजी विश्राम करते हैं तो यह शांति के उल्लंघन जैसा है।

रात्रि में ध्वनि प्रदूषण नहीं सहन होगा

बैठक में मौजूद ब्रह्मदेव द्विवेदी और गोविंद शर्मा ने कहा कि रात्रि में ध्वनि प्रदूषण को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं विवेक महाजन और अनीता शर्मा ने कहा कि वे संत प्रेमानंद का सम्मान करते हैं और शालीनता से उनकी पदयात्रा का आयोजन किया जाना चाहिए।

बैठक में मौजूद सदस्य

बैठक में विभिन्न संगठन और समाज के लोग शामिल हुए, जिनमें जितेंद्र सिंह राणा, रामनारायण बृजवासी, भूपेश चंद्र पुरोहित, विनीत उपाध्याय बिट्टू, रविकांत तिवारी, डा. पराग शर्मा, आशीष ठाकुर, विनोद जायसवाल, लवेश शर्मा, गणेश शंकर मिश्रा, अमित गौतम, मनोज कृष्ण शास्त्री, प्रदीप बनर्जी, आचार्य कृपा शंकर, जानकी शरण, नीरज गौड़, तपेश पाठक, गोपाल शर्मा, हरिश्चंद्र रावत, दीपू मोतीवाला, दीनदयाल, विष्णु शर्मा, राजेश पाठक और ईश्वर चंद्र रावत शामिल थे।

संत प्रेमानंद की परिक्रमा

उधर, संत प्रेमानंद महाराज ने शुक्रवार को राधाकुंड परिक्रमा मार्ग स्थित लुटेरिया हनुमान मंदिर से परिक्रमा शुरू की और गिरिराज प्रभु की परिक्रमा पूरी की। इस दौरान परिक्रमा मार्ग राधे-राधे और संत प्रेमानंद बाबा की जय की गूंज से भर गया। श्रद्धालुओं ने उनके साथ परिक्रमा की और जगह-जगह पर उन्हें दंडवत प्रणाम किया।

निकलते समय हुई पुष्प वर्षा

परिक्रमा समाप्त करने के बाद संत प्रेमानंद महाराज गाड़ी से वृंदावन के लिए निकल गए, इस दौरान उनके साथ उनके शिष्य और पुलिस बल भी मौजूद रहे। निक्कू शर्मा ने भी पुष्प वर्षा की।

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